पलवल/फरीदाबाद, 9 जून। अमर शहीद दादा कान्हा की धरती बहीन गांव में जन्मे भुवनेश कुमार रावत ने भारतीय सेना में डायरेक्ट लैफ्टीनेंट के पद पर सिलेक्ट होकर पलवल जिला की रावत पाल का नाम हरियाणा प्रदेश सहित समूचे देश में रोशन किया है। भुवनेश ने सेना में बतौर अधिकारी अपनी दूसरी पीढ़ी में कदम रखा है, उनके पिता कुमरपाल रावत भी भारतीय सेना में लैफ्टीनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं। भुवनेश सेना में अधिकारी बनने से यहां पलवल जिला की रावत पाल के साथ-साथ समूचे जिला में हर्ष की लहर है। उनके पैत्रिक गांव बहीन में जैसे ही भुवनेश के सेना में अधिकारी बनने की सूचना मिली तो गांव में जश्र का सा माहौल रहा तथा एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी इस बडी खुशी को सांझा किया। भुवनेश के पिता कर्नल कुमरपाल रावत व उनकी मां श्रीमती कमलेश रावत अपने पुत्र की इस बडी कामयाबी पर पासिंग आऊट परेड में शामिल होने के लिए उत्तराखंड के देहरादून सेना कादमी पहुंचे तथा अपने पुत्र को कोद में उठाकर बधाई दी।
उनकी मां श्रीमती कमलेश एमकॉम ऑनर्स बीएड तक शिक्षा प्राप्त हैं। सेना में शामिल होने की प्रेरणा भुवनेश को अपने पिता कर्नल कुमरपाल रावत से मिली तथा सन 2012 में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं कक्षा में 93.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सेना में शामिल होने की धुन सवार कर ली। बाद में बिट्श पिलानी से बीई ऑनर्स सिंविल करके दो साल क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया में एसोसिएट के पद पर कार्य करने के उपरांत भारतीय सेना में भर्ती हुए। ट्रेनिंग के दौरान भुवनेश ने घुडसवारी में कई मैडल जीते। सेना में नव चयनित अधिकारी लैफ्टीनेंट भुवनेश कुमार रावत का कहना है कि देश सेवा से बढक़र कुछ नहीं है। बचपन से ही मेरा सपना था कि मैं भी अपने पिता की तरह सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा करूं और मुझे अति खुशी हो रही है कि मेरे सपनों को पंख मिल गए हैं।
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