फरीदाबाद: शहर में ऐसे बहुत समाजसेवी देखे जा सकते हैं जो अगर लगातार 90 दिन तक समाजसेवा करते हैं तो नगर निगम का चुनाव लड़ने का दावा ठोंक देते हैं। अगर 6 महीने समाजसेवा करते हैं तो विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर देते हैं और अगर एक साल तक समाजसेवा करते हैं तो लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान कर देते हैं। हाल में कई नकली समाज सेवियों ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था और कइयों को 1000 वोट भी नहीं मिले थे लेकिन उनके नामों के आगे या पीछे समाजसेवी लिखा दिखता था।
हरियाणा में लगभग तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं और इन तीन महीनों में कई समाजसेवी पैदा होंगे। बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवम न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर शहर के समाजसेवियों से हटकर समाज सेवा कर रहे हैं और 13 महीने से शायद ही कोई ऐसा दिन गया हो जब वो शहर के किसी हिस्से की समस्या देखने मौके पर न गए हों। मीडिया उनकी खबर छापते-छापते थक जाती है लेकिन पाराशर नहीं थकते। कभी पहाड़ पर तो कभी कहीं और दिखते रहते हैं। एक साल में लगभग 50 गलत लोगों पर एफआईआर भी दर्ज करवा चुके हैं और शहर के युवा वकीलों की कई बार मदद कर चुके हैं। कई बार उन्हें किताबें बाँट चुके हैं तो उनके लिए निःशुल्क जज बनने की ट्रेनिंग भी दिलवा चुके हैं।
ऐसा नहीं है कि एडवोकेट पाराशर खाली हैं। हर रोज लगभग 50 मुकदमों की तारीख भी पड़ती है और अपने मुअक्किलों को भी संतुष्ट करते हैं। शहर में अपराध के मामले में टॉप वकीलों में उनकी गिनती होती है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि एडवोकेट पाराशर हर रोज 15 घंटे से ज्यादा काम करते हैं और कभी कोई छुट्टी नहीं करते। हर रोज अपने चैंबर में मिलते हैं चाहे कितना भी बड़ा त्यौहार ही क्यू न हो। शहर के लोगों को शायद ही पता हो कि एक साल में लगभग 40 बार बीमार होकर मेट्रो अस्पताल में भर्ती भी हो चुके हैं और शहर के लोगों को उनके बारे में जानकार हैरानी कि मेट्रो में भर्ती होने के समय अगर किसी का फोन आ जाता है और वो अपनी समस्या बताता है तो पाराशर अस्पताल से उठ कर वहां पहुँच जाते हैं जहाँ कोई परेशान दिखता है। उसकी परेशानी दूर कर फिर अस्पताल में जाकर लेट जाते हैं।
शायद यही कारण है कि शहर में कहीं बिजली न आये, पानी न आये, सीवर का पानी भरा हो, कहीं सड़क खराब हो, कहीं खनन हो रहा हो, किसी पर जुल्म हो रहा हो तो लोग किसी नेता या सम्बंधित अधिकारी के पास नहीं जाते, सीधा पाराशर के पास फोन करते हैं या कहते हैं पाराशर को बुलाओ।
अभी लगभग 8 बजे सैनिक कालोनी के कुछ लोगों ने पाराशर को बुलाया। लोगों के उन्हें बताया कि कालोनी के गेट नंबर एक पर सीवर का पानी भरा हुआ है। ये समस्या लगभग एक महीने से है। न कोई नेता उनकी सुनता है न कोई अधिकारी, यही नहीं लोगों ने बताया कि सैनिक कालोनी के अधिकतर लोग टैंकर का पानी खरीदकर पीते हैं। पीने के पानी की समस्या भी है। कई सड़कें भी खराब हैं।
लोगों का दुखड़ा सुनने के बाद पाराशर ने कहा कि जल्द उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाएंगे और अगर किसी अधिकारी की लापरवाही के कारण लोगों को परेशानी हो रही है तो उस अधिकारी को कोर्ट में घसीटेंगे।
उन्होंने कहा कि किसी समय में सैनिक कालोनी शहर के सबसे अच्छी कालोनी कही जाती थी लेकिन लगभग 15 वर्षों से कालोनी के लोगों का बुरा हाल होता चला जा रहा है। नेताओं की भी कमियां हैं और अधिकारी भी जिम्मेदार हैं।
पाराशर ने एक बार फिर कहा कि मैं कभी कोई चुनाव नहीं लडूंगा। जिंदगी जब तक साथ देगी जनता की सेवा जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद को बरबाद होते मैं नहीं देख सकता इसलिए अपना काम छोड़कर जनता तक पहुँचता हूँ और प्रयास करता हूँ कि जनता की समस्याओं का समाधान कर सकूं और कोई अधिकारी या माफिया अगर गलत काम कर रहा हो तो उसे नीमका दर्शन करवा सकूं। उन्होंने कहा कि शहर के कामचोर और खब्बू अधिकारियों ने फरीदाबाद को नरक में तब्दील करवा दिया है।
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