फरीदाबाद: लगभग 15 दिन बाद मानसून आ जायेगा लेकिन नगर निगम के अधिकारी अभी भी सो रहे हैं और शहर के अधिकांश नाले-नालियों की सफाई यही तक नहीं शुरू हुई है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने मंगलवार कई नालों का जायजा लिया। पाराशर ने कहा कि शहर अब भी आधे घंटे की बारिश नहीं झेल सकता और अगर आधे घंटे की बारिश हो जाए तो शहर की अधिकाँश सड़कें तालाब बन जाती हैं और आवागमन बाधित हो जाता है।
उन्होंने कहा कि बल्लबगढ़, बड़खल, एनआईटी, फरीदाबाद और तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर नाले अब भी जाम पड़े हैं और इन्ही क्षेत्रों में भारी जलभराव होता है। उन्होंने कहा कि निगम कमिश्नर और उनमे चीफ इंजीनियर ने लगभग डेढ़ महीने पहले नालों की सफाई की सफाई तत्काल करवाने का आदेश दिया था लेकिन अब तक किसी भी नाले की सफाई शुरू नहीं हुई है।
पाराशर ने कहा कि अगर नालों की सफाई समय से हो जाए तो शहर के लोगो को बारिश में जलभराव की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। वकील पाराशर ने कहा कि जलभराव से शहर की सड़कें भी जल्द टूट जाती हैं और शहर की तमाम कालोनियों के हजारों घरों में बारिश का पानी घुस जाता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के कारण शहर के लाखों लोगों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब भी समय है नगर निगम के अधिकारियों को जाग जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर की तमाम सडकों के किनारे कूड़े का ढेर लगा है और बारिश होने पर ये कूड़ा नालों में जाता है और नाले पूरी तरह से जाम हो जाते हैं। पाराशर ने कहा कि ये कूड़ा सड़कों के किनारे डालना ही नहीं चाहिए लेकिन नगर निगम वाले खुद सड़क के किनारे कूड़े की गाड़ियां खाली करते हैं।
पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी तभी बनाया जा सकता है जब नगर निगम के अधिकारी स्मार्ट अधिकारी की तरह काम करें। उन्होंने कहा कि कामचोर अधिकारी स्मार्ट सिटी की राह में बढ़ा बने हैं ये कहीं अवैध अतिक्रमण करवा रहे हैं कहीं अवैध कब्जे करवा रहे हैं। उन्हें सिर्फ गरीबों की झुग्गियां दिखतीं हैं। बड़े अवैध कब्जाधारी नहीं दिखते।
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