फरीदाबाद: नगर निगम और तहसील के जिन अधिकारियों पर सेन्ट्रल थाने में एफआईआर दर्ज है उन्हें तुरंत सस्पेंड किया जाए ताकि वो पद पर रहकर केस में कोई व्यवधान न डाल सकें। ये कहना है मामला दर्ज करवाने वाले बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पराशर का जिनका कहना है कि नगर निगम और तहसील के अधिकारियों ने वीपी स्पेसेज के मालिकों की मिलीभगत से बहुत बड़ा घोटाला किया है।
वकील पाराशर ने कहा कि इस घोटाले में तमाम अहम् सबूत मेरे पास हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने सेक्टर 49 के फ़्लैट नंबर 4833 में नोटिस भेजा और लिखा कि आपने प्रथम माला, द्वित्तीय माला और बनवाई और उसमे लिफ्ट भी लगवाई लेकिन इस निर्माण को नक़्शे के मुताबिक़ नहीं बनाया गया है। निगम ने 8 मई 2018 को फ़्लैट नंबर 4833 को नोटिस भेजकर आफिस बुलाया । इसके बाद 18 जुलाई 2018 को वीपी स्पेसेज के मालिकों में से एक आशीष मनचंदा ने उस फ्लैट को अपनी माँ के नाम रजिस्ट्री कर दी। और चौंकाने वाली बात ये सामने आई कि जिस फ्लैट में कई मंजिले बनीं थी, लिफ्ट लगी थी, जिसके लिए निगम ने फ़्लैट मालिक को नोटिस दिया था उस फ़्लैट को रजिस्ट्री ने दिखाया ही नहीं गया और रजिस्ट्री में फ़्लैट नंबर 4833 को खाली प्लाट दिखाया गया। वकील पाराशर ने बताया कि दो महीने पहले वहां निर्माण हुआ था और कई मंजिलें बनी थी लेकिन दो महीने बाद जो रजिस्ट्री हुई उसे खाली प्लाट दिखाया गया। यहाँ फ्लैट की कीमत एक करोड़ रूपये से ज्यादा है जबकि खाली प्लाट की रजिस्ट्री 37 लाख के आस पास की करवाई गई है और सरकार को बड़ा चूना लगाया गया है।
पाराशर ने कहा कि सरकार को चूना लगाया गया क्यू कि फ़्लैट की रजिस्ट्री करते तो सरकार को रजिस्ट्री की ज्यादा फीस देनी पड़ती। पाराशर ने कहा कि ये पूरा गैंग अधिकारियों मिलकर सरकार को चूना लगाता है। उन्होंने बताया कि इस गैंग के कई और बड़े घोटाले किये हैं। पाराशर ने कहा कि शहर के कुछ नेताओं पर इन पर हाँथ है और पुलिस इनकी काल डिटेल की जाँच करे तो कई नेता भी बेनकाब हो सकते है।
पाराशर ने कहा कि कंप्लीशन में गड़बड़झाला, एक-एक स्टाम्प से कई-कई रजिस्ट्री, बने फ्लैट को खाली प्लाट दिखा उसकी रजिस्ट्री करवाना, गलत तरीके से रजिस्ट्री पर लोन लेना जैसे इनके कई गड़बड़झालों के मेरे पास सबूत हैं। उन्होंने कहा फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग में कई लोग शामिल है जिनमे वीपी स्पेसेज के कई मालिक और कई विभागों के अधिकारी शामिल हैं। पाराशर ने कहा कि मैं सीएम के पास पत्र लिख उनसे मांग करूंगा कि भ्रष्ट अधिकारी जिनका नाम इस एफआईआर में है इन्हे तुरंत सस्पेंड किया जाये।
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