फरीदाबाद: शहर में लाखों गरीब है जिनके पास दो वक्त की रोटी खाने का जुआड़ भी नहीं है, न ही उनके लिए रहने का कोई आशियाना है इसलिए फरीदाबाद के अधिकारियों को चाहिए कि जैसे अमीरों को अरावली पर लूट की छूट दी गई है वैसे गरीबों को भी दे दी जाए ताकि गरीब अरावली बस बस सकें और अरावली के पत्थरों को चुरा कर बेंच सकें। बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार ने फरीदाबाद के अधिकारियों पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ये अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुके हैं और ये सरेआम अरावली लुटवा रहे हैं। ये अधिकारी माफियाओं से अरावली के पहाड़ बिकवा रहे हैं। अरावली पर जगह-जगह कब्जे करवा रहे हैं। पाराशर ने कहा कि मैं लगभग हर तीसरे दिन अरावली पर जाता हूँ और कहीं न कहीं हमेशा अवैध खनन रोज देखता हूँ।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि फरीदाबाद के अधिकारियों ने अरावली के पहाड़ों को बेंचने का ठेका ले लिया है क्यू कि जिस तरह अरावली पर सरेआम पत्थर तोड़े और बेंचे जा रहे हैं उसे देखकर यही लगता है कि फरीदाबाद के अधिकारियों खनन माफियाओं को अरावली लूट की खुली छूट दे दे गई है। उन्होंने कहा कि पहाड़ कुदरत की देन होते हैं और फरीदाबाद के अधिकारी और खनन माफिया कुदरत से खिलवाड़ कर रहे है और फरीदाबाद के पहाड़ों को दीमग की तरह चाट रहे हैं।
पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद के खनन माफिया लगभग हर रोज एक करोड़ के पत्थर बेंचते हैं और रोजाना सैकड़ों डम्फर पत्थर बेंचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद-सूरजकुंड रोड और फरीदाबाद गुरुग्राम रोड पर किसी भी समय पत्थरों से भरे डम्फर देखे जा सकते हैं और तमाम डम्फर ओवरलोड भी होते है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अरावली की अनदेखी कब एक करते रहेंगे। कब तक ये खेल जारी रहेगा और शहर के नेता कब तक खामोश रहेंगे। ये एक बड़ा सवाल है।
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