फरीदाबाद: शहर की तहसीलों में कई वर्षों से बड़ा गड़बड़झाला जारी है। भूमाफिया पैसे से अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रियां कर दी जाती हैं जबकि गरीब 50 गज का प्लाट भी खरीदते हैं तो उन्हें तहसीलों के चक्कर लगवाए जाते हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने एक और खुलासा करते हुए कहा कि फरीदाबाद सहित पूरे हरियाणा की तहसीलों में हुडा ऐक्ट मिस यूज किया जा रहा है। टुकड़ों में रजिस्ट्री करने वाले गरीब किसानों पर हुडा ऐक्ट के तहत मामला दर्ज करवा दिया जाता है जबकि तहसील के उन अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती जो टुकड़ों की रजिस्ट्रियां की जाती हैं।
पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद में अगर कोई किसान या गरीब अपनी जमीन जो हजार गज से कम होती है उसका कुछ हिस्सा बेंचता है तो ऐक्ट के मुताबिक़ जमीन विक्रेता पर केस दर्ज करवा दिया जाता है जबकि तहसीलदार की भी इसमें गलती होती है और उस पर भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
पाराशर का कहना है कि तहसीलदार मोटा पैसा लेकर ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री कर देते हैं। पाराशर ने कहा कि अगर कोई किसान ऐक्ट का उल्लंघन करता है तो हुडा ऐक्ट , 1975 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। अगर कोई तहसीलदार भी इस ऐक्ट का उल्लंघन करता है तो उस पर भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
वकील पाराशर ने कहा कि शहर की तहसीलों के तहसीलदारों ने तमाम ऐसी रजिस्ट्रियां की हैं जिनमे हूडा ऐक्ट 1975 का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसी कई रजिस्ट्रियां हैं जिनमे तहसीलदारों ने इस ऐक्ट का उल्लंघन किया है। उन्होंने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आये हैं जिनमे कुछ किसानों पर मामले दर्ज करवाए गए हैं जबकि ऐसे मामलों में तहसीलदारों पर भी केस दर्ज होने चाहिए। जो अब तक हरियाणा में कहीं नहीं हुए।
पाराशर ने कहा कि पूरे हरियाणा में अब तक हजारों किसानों पर हुडा ऐक्ट के तहत मामला दर्ज करवाए गए है और फरीदाबाद की बात करें तो यहाँ हर साल सैकड़ों मामले हुडा ऐक्ट के तहत दर्ज किये जाते हैं और इसके लिए अलग से हुडा सेल भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मैं सरकार ने मांग करूंगा कि अगर कोई तहसीलदार इस ऐक्ट का उल्लंघन करते हुए कोई रजिस्ट्री करे तो उस पर भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
पाराशर ने कहा कि इस सन्दर्भ में मैं मुख्यमंत्री हरियाणा और मुख्य सचिव हरियाणा को पत्र लिख मांग करूंगा कि ऐसे मामलों में तहसीलदारों पर भी केस दर्ज किया जाये। टुकड़ों में रजिस्ट्री करके ही तहसीलदार करोड़ों का गोलमाल करते हैं।
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