चंडीगढ़: तीन महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं। पेरोल पर आकर ओम प्रकाश चौटाला इनेलो के लिए जमीन तलाश रहे हैं। वो जमीन जो भाजपा के तूफ़ान में न जाने कहाँ उड़ गई। कहावत है, वक्त सदा एक सा नहीं होता। 2014 में कहा जा रहा था कि इनेलो सत्ता में लौट सकती है लेकिन मोदी लहर में इनेलो और कांग्रेस दोनों का हाल बेहाल हो गया। उसके बाद ये दोनों पार्टियां संभल नहीं पाईं और पिछले साल इनेलो में दो टुकड़े हो गए और दिसंबर 2018 में जजपा का जन्म हुआ। इसके बाद कहीं भाई-भाई में जंग ( अजय और अभय चौटाला ) तो कहीं दादा पोते में जंग ( दुष्यंत और ओपी चौटाला ) शुरू हो गई और आपस में लड़ते-लड़ते इस परिवार के लोगों का राजनीतिक भविष्य लगभग चौपट हो गया और लोकसभा चुनावों में दादा-पोते की पार्टियों का बहुत बुरा हाल हुआ।
लोकसभा चुनावों के दौरान अभय दुष्यंत पर और दुष्यंत अभय पर निशाना साधते रहे जिसका फायदा भाजपा को मिला। अब ओपी और दुष्यंत चौटाला दावे कर रहे हैं कि उनकी पार्टियां विधानसभा चुनावों में चमत्कार करेंगी और दादा पोते अपनी-अपनी पार्टियों की जीत के दावे कर रहे हैं और दावे कर रहे हैं कि उनकी पार्टियों की सरकारें बनेंगी। फ़िलहाल सोशल मीडिया के तजुर्बे की बात करें तो न दादा की सरकार बनेगी न पोते की। जनता दोनों को फ़िलहाल तो नकार रही है। ओपी चौटाला कोई भी बयान देते हैं तो 90 फीसदी प्रतिक्रियाएं उनके खिलाफ आती हैं और दुष्यंत के खिलाफ भी 90 तो नहीं, 75 फीसदी प्रतिक्रियाएं आती हैं। सिर्फ 25 फीसदी लोग उनका सपोर्ट करते हैं।
अब बात करते हैं कांग्रेस की तो कांग्रेस का आज 9 जून तक हरियाणा में बहुत बुरा हाल है। कल विधानसभा के चुनाव हों तो कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी शायद ही छु सके। लगभग एक साल पहले यही हाल भाजपा का था। सीएम मनोहर लाल की कोई खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर 90 फीसदी प्रतिक्रियाएं उनके खिलाफ आती थीं लेकिन अचानक हरियाणा में बड़ा चमत्कार हुआ है। खट्टर सरकार को लोग पसंद करने लगे हैं। कभी-कभी खट्टर थोड़ी गलती कर बैठते हैं जैसे कि सेल्फी कांड लेकिन हरियाणा भाजपा उसे संभाल लेती है।
अगर कांग्रेस कोई गलती करती है तो हरियाणा का कोई कांग्रेसी नेता उस गलती पर पर्दा नहीं डालता बल्कि उस गलती को सड़क पर लाता है ताकि गलती करने वाला कांग्रेसी नेता बदनाम हो सके। इसका कारण ये है कि हरियाणा कांग्रेस आज 9 जून तक कई गुटों में बंटी है। हुड्डा तंवर को को नीचा दिखाना चाहते हैं तो तंवर हुड्डा को, सुरजेवाला, कैप्टन यादव, शैलजा, किरण चौधरी, सब खुद को बड़ा और दूसरे नेताओं को छोटा समझते हैं जबकि भाजपा अपने छोटे नेताओं के भी कहती है कि आज आप नीचे बैठे हैं, कल आप मंच पर भी बैठ सकते हैं और राष्ट्रपति, पीएम, गृह मंत्री और सीएम बन सकते हैं। भाजपा इस तरह से अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा रही है और कांग्रेस अपने बड़े नेताओं को ही नीचा दिखाने का प्रयास कर रही है। अभी कुछ देर पहले हमने पूर्व सीएम हुड्डा की एक खबर पोस्ट किया। हुड्डा ने कहा कि विधानसभा चुनावों में हमारी विजय होगी। 90 फीसदी लोगों का कहना है कि हुड्डा दिन में सपने देखना छोड़ दें। मतलब कांग्रेस को बहुत पसीना बहाने की जरूरत है वरना? कुछ प्रतिक्रियाएं हुड्डा की खबर पर
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