चण्डीगढ़, 25 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 को और अधिक सख्त एवं व्यावहारिक बनाने के लिए संशोधित किया गया। नए विधेयक को हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन (संशोधन) विधेयक, 2019 कहा जाएगा।
संशोधन के अनुसार, कोई भी पुलिस अधिकारी, जो उप-निरीक्षक के पद से नीचे का नहीं होगा या सरकार की ओर से अधिकृत कोई भी व्यक्ति इस अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने या इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन होने बारे स्वयं को संतुष्ट करने के मद्देनजर ऐसे किसी भी वाहन में प्रवेश कर सकता है, रोक सकता है या जांच कर सकता है, जिनका गायों या गोमांस के निर्यात के लिए उपयोग किया जाना है या उपयोग किया जा सकता है। वह ऐसी गाय या गोमांस और उस वाहन, जिसमें ऐसी गाय या गोमांस पाया जाता है, को जब्त कर सकता है, जिसके बारे में उसे संदेह है कि इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन हुआ है या उल्लंघन होने वाला है और उसके बाद अदालत में इस प्रकार जब्त की गई गाय या गोमांस को सुरक्षित रूप से प्रस्तुत करने और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
वह ऐसे किसी भी परिसर में प्रवेश या जांच कर सकता है जिसका गौ वध के लिए इस्तेमाल हो रहा है या इस्तेमाल होने की संभावना है और गाय या गोमांस को जब्त करने के साथ-साथ मौके से गौ वध और गाय या गोमांस के निर्यात से संबंधित गतिविधियों के संबंध में इस्तेमाल किए गए या इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण एवं दस्तावेज जैसे साक्ष्य एकत्र कर सकता है। इस अधिनियम के तहत तलाशी या जब्ती के लिए, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 100 के प्रावधान, जो तलाशी से संबंधित हैं, लागू होंगे।
पुलिस अधिकारी, जो उप-निरीक्षक के पद से नीचे का नहीं होगा या इसके लिए सरकार की ओर से अधिकृत व्यक्ति द्वारा जब भी इस अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध किया जाता है तो इस तरह के अपराध के लिए इस्तेमाल होने वाले किसी भी वाहन को जब्त किया जा सकता है। इस अधिनियम के तहत कोई भी दण्डनीय अपराध किए जाने के संबंध मेंं किसी भी वाहन को जब्त किया जाता है तो जब्त करने वाले व्यक्ति को बिना किसी देरी के सक्षम अधिकारी को उसके बारे में एक रिपोर्ट करनी होगी और सक्षम अधिकारी जिस क्षेत्र में उक्त वाहन को जब्त किया गया था, उस क्षेत्र पर अधिकार क्षेत्र होने पर, यदि संतुष्ट हो कि उक्त वाहन इस अधिनियम के तहत अपराध के लिए इस्तेमाल किया गया था, तो उक्त वाहन को जब्त करने का आदेश देगा। बशर्ते कि ऐसे वाहन को जब्त करने का आदेश देने से पहले उक्त वाहन के मालिक को सुनवाई का उचित अवसर दिया जाएगा।
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