फरीदाबाद: 2019 का आज शायद सबसे गर्म दिन है। फरीदाबाद में आज पारा लगभग 47 डिग्री पार कर गया। शाम लगभग 7 बजकर 30 मिनट पर शहर का अधिकतम तापमान 46°33° मापा गया। दिन का तापमान कितना रहा आप समझ सकते हैं। मौसम विभाग के भविष्यवाणी की थी कि 7 जून के बाद तापमान में कमी आ सकती है और मौसम विभाग का शिकार शहर के कुछ अधिकारी और नेता हुए जो शायद 7 तारीख तक पहाड़ी क्षेत्रों से वापस आ गए और अब भी उन्हें भयंकर गर्मी झेलनी पड़ रही है। जिस तरह से दो दिनों से अधिकारी गर्मी को लेकर बयान जारी कर रहे हैं उसे देखकर यही लगता है कि दो दिन पहले वो किसी पहाड़ी क्षेत्र में थे या फिर प्रचंड गर्मी के कारण वो अपने ऐसी दफ्तरों से बाहर नहीं निकले। शहर में अब भी कई-कई घंटे के बिजली के कट लग रहे हैं। अब लगता है वहां भी कट लगने लगे हैं जहाँ ये अधिकारी और नेता रहते हैं और अब वहां का ऐसी भी शायद काम नहीं कर रहा है इसलिए उन्हें भी गर्मी सताने लगी है और सम्बंधित अधिकारियों को आदेश दे रहे हैं कि शहर में बिजली पानी की व्यवस्था में तुरंत सुधार लाया जाए।
ये भी हो सकता है कि दो दिन पहले अधिकारियों ने फरीदाबाद की समस्या के बारे में ध्यान न दिया हो और जब आग लगने से पांच लोगों की दर्दनाक मौत की बात उनके कानों तक पहुँची हो तो उनका दिल पिघल गया हो और अपने दफ्तरों से बाहर निकल आये हों। शहर में तीन दिन से लगातार आग लग रही है। एक परिवार असमय उजड़ गया और माँ के साथ दो बच्चों की भी चिता जली और गांधी कालोनी में कल आग लगी और आज दो और चिताएं जलीं। सुबह एक और जगह आग लगी। अब ऐसे में तो अधिकारियों की नींद खुलनी ही थी या उन्हें पहाड़ों से वापस आना ही पड़ा क्यू कि ऐसी घटनाओं से उन पर सवाल उठने लगे थे।
इस समय आठ बज चुके हैं और तापमान अब भी ज्यादा कम नहीं हुआ है ,अब भी कई क्षेत्रों में बिजली नहीं है। कई क्षत्रों में आ सकती है और कई क्षेत्र के लोग सुबह तक बिजली का इन्तजार कर सकते हैं और कई क्षत्रों के लोगों को तो तीन-तीन दिन तक बिजली का इंतजार करना पड़ता है। शहर का बहुत बुरा हाल है। प्रचंड गर्मी से लोग विलख रहे हैं लेकिन किसे सुनाएँ अपना दुखड़ा, कोई सुनने वाला नहीं है। बिजली अधिकारियों के फोन बंद रहते हैं। कुछ नेता भी इस समय अपना फोन बंद कर लेते हैं। बिजली न आने से कई क्षत्रों में पानी का संकट और बढ़ता चला जा रहा है। जिस गरीब के घर में छोटा बच्चा है वो रात भर चिल्लाता रहता है उसका दर्द उसके परिजन ही समझ सकते हैं। फरीदाबाद दो दशक पहले जिस बिजली पानी के लिए तरसता था आज भी उसी के लिए तरस रहा है। नेता, अधिकारी बड़े लोग होते हैं। बिजली जाने पर उनके घर जनरेटर चल जाता है। वो क्या समझ सकेंगे गर्मी से बेहाल एक मासूम बच्चे का दर्द? नेताओं आप सत्ता पाते ही मालामाल हो जाते हैं, ये सत्ता आपको जनता के कारण मिलती है। जनता आपको वोट देती है, सत्ता में आते ही आपका कायाकल्प हो जाता है और अगली बार आप हार भी गए तो लाखों की पेंशन पाएंगे। जनता आपको इतना सब कुछ देती है लेकिन अब जनता को अब तक बिजली-पानी नहीं दे सके। सच कड़वा होता है लेकिन सच यही है ,सत्ता में आते ही अपना भला सोंचने लगते हैं फरीदाबाद के नेता? काश थोड़ा जनता के बारे में भी सोंचते तो बात ही अलग होती। तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। आपको जनता के सामने वोटों की भीख मांगनी पड़ेगी।
Post A Comment:
0 comments: