फरीदाबाद : आजकल की भागती दौड़ती दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो अपने कार्यक्षेत्र के अलावा किसी विषय पर पुस्तक लिखने के विषय में सोच सकते हैं । फ़रीदाबाद के स्वरूप दास ऐसे ही गिने चुने लोगों में हैं । उनकी पहली पुस्तक का विमोचन समारोह मंगलवार 11 जून को फ़रीदाबाद के ही गोल्फ क्लब में आयोजित किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे दिल्ली से आए श्री विनीत पांडे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे डॉ सीए अजय गर्ग वहीं शेरो शायरी के लुत्फ उठाते हुए मंच का संचालन किया एन जी एफ रेडियो के डाइरेक्टर श्री मुकेश गंभीर ने ।
अतिथियों का परिचय करवाया चन्दन मेहता ने, जो स्वयं एक एक्टर के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं । इस कार्यक्रम का आयोजन सिनेमहता प्रोडक्षन ले बैनर तले किया । विनीत पांडे के विषय में संक्षेप में बताते हुए श्री चन्दन मेहता ने बताया कि विनीत जी साहित्य क्लासेस दिल्ली के डाइरेक्टर हैं । इनकी विशेषता यह है जहां अधिकतर युवाओं को एक बार नेट या जेआरएफ पास करना मुश्किल लगता है वहीं विनीत जी ने 16 बार एसईटी, छः बार एनईटी और दो बार जेआरएफ पास कर चुके हैं। कमाल की बात यह है कि श्री विनीत पांडे ने यह विलक्ष्ण कार्य इसलिए किया ताकि वे छात्रों की समस्या को समझ पाएँ और इसका समाधान निकाल पाएँ।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे डॉ सीए अजय गर्ग । अजय गर्ग का परिचय करवाते हुए श्री मुकेश गंभीर ने बताया कि व्यवसाय से जुड़ा एन सी आर का शायद ही कोई व्यक्ति होगा जी डॉ सीए अजय गर्ग के विषय में ना जानता हो । अजय गर्ग सीए होने के साथ साथ कॉर्पोरेट वकील तो हैं ही, मोटिवेश्नल स्पीकर भी कमाल के हैं ।
श्री मुकेश गंभीर के विषय में संक्षेप में बताते हुए श्री चन्दन मेहता ने कहा कि भूतपूर्व बिक्री कर कमिश्नर होने के बावजूद एक बहुत ही ‘गंभीर’ और परिपक्व शायर भी हैं । इसके अतिरिक्त पहले मानव रचना और अब एनजीएफ रेडियो पलवल का संचालन कर रहे हैं ।
यह कार्यक्रम फ़रीदाबाद के ही रहने वाले श्री स्वरूप दास की पहली पुस्तक “Consciences The Ethical Motives” के सॉफ्ट लॉंच के लिए रखा गया था । श्री स्वरूप दास पेशे से एक इंजीनियर हैं और पुस्तकें पढ़ना और लिखना उनका शौक है । स्वरूप दास ने अपने वक्तव्य में बताया कि यह पुस्तक व्यक्ति को आत्मअध्यन और सेल्फ मोटिवेशन के विषय में है । इसमें किसी भी मनुष्य के जीवन में उसके अपने ज़मीर और अपने चरित्र का कितना बड़ा योगदान है इस बारे में बताया गया है । इसके अलावा यह पुस्तक सेल्फ मोटिवेशन के विषय में बताती है । श्री दास ने बताया कि उन्होने यह पुस्तक 2007 में शुरू की थी । परंतु कुछ कारणों से इसे बीच में ही छोड़ दिया था । लेकिन 2019 में उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें वो पुस्तक पूरी करनी चाहिए और फिर वो लग गए इससे पूरा करने के लिए ।
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