फरीदाबाद: शहर में दो नम्बरी लोगों की मौज है। दो नम्बरी लोग सरकार को जमकर चूना लगा रहे हैं। पिछले साल बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एडवोकेट एल एन पाराशर ने एक खुलासा किया था कि एक स्टाम्प से दो रजिस्ट्रियां हुई हैं। इस खुलासे के बाद गड़बड़झाला करने वालों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब वकील पाराशर ने एक और खुलासा किया है जिनका कहना कि एक और स्टाम्प पेपर उनके हाँथ लगा था और इस स्टैम्प पेपर से भी दो बार रजिस्ट्री हुई है। उन्होंने कहा कि स्टाम्प पेपर नंबर EOP 2016 E 300 से पहली रजिस्ट्री में गगनदीप सिंह ने प्रियंका कुमारी के नाम रजिस्ट्री की उसके बाद इसी स्टाम्प पेपर EOP 2016 E 300 से बीपीटीपी पार्क लैंड ने किसी राजकुमार के नाम पर रजिस्ट्री की। वकील पाराशर ने बताया कि दोनों रजिस्ट्री में ये एक ही स्टैम्प का प्रयोग किया गया। उन्होंने बताया कि इस स्टाम्प पेपर 16 मई 2016 को खरीदा गया था और पहली रजिस्ट्री उसी दिन हुई थी।
उन्होंने बताया कि ये स्टाम्प डेढ़ लाख रूपये का खरीदा गया था और इसी स्टाम्प से दोनों रजिस्ट्री हुई हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी मिल रही है कि ये गड़बड़झाला करने वाला वही गैंग है जिसके बाद में मैं कई तरह के खुलासे कर चुका हूँ। पाराशर ने कहा कि इसके पहले मैंने जो खुलासा किया था उसमे शशि बाला निवासी मकान नंबर 452 सेक्टर 37 फरीदाबाद ने अपना प्लाट रमेश गोस्वामी निवासी गांधी नगर दिल्ली को बेंचा और इस खरीद फरोख्त में 3 लाख 43 हजार रूपये का स्टैंप पेपर खरीदा गया जिसका नमबर 19433484 था। इसके 8 महीने बाद आशीष मनचंदा निवासी विकासपुरी नई दिल्ली ने अपना प्लाट कपिल गुप्ता निवासी सफीदों जिला जींद को बेंचा। इसका स्टैंप पेपर नंबर भी 19433484 है जो आठ महीने पहले की खरीद फरोख्त का स्टैंप नंबर था।
वकील पाराशर ने कहा कि एक ही नंबर के स्टाम्प पेपर को दो तरह की खरीद फरोख्त में प्रयोग किया गया जो तहसीलदारों का एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि इन्ही घोटालेबाजों के खिलाफ मैंने कोर्ट में याचिका दायर की और कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश भी दिए लेकिन पुलिस का कहना है कि अभी हम जांच पड़ताल कर रहे हैं। जांच पड़ताल के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी ,पाराशर ने कहा कि इस दूसरे स्टाम्प घोटाले में भी वही गैंग शामिल है और अगर इन पर तुरंत एफआईआर न दर्ज की गई तो मैं कोर्ट का सहारा लूँगा।
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