चंडीगढ़: लगभग 100 दिन बाद हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीख का एलान हो सकता है। भाजपा युद्ध स्तर पर चुनावों की तैयारी कर रही है। सीएम मनोहर लाल सभी जिलों के दौरे कर रहे हैं तो कांग्रेस अब भी आपस में ही युद्द लड़ रही है। तंवर हुड्डा की आपसी लड़ाई कांग्रेस के लिए घातक है। अब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 9 जून को अपने खास समर्थकों की दिल्ली में बैठक बुलाई है। इस बैठक को बेहद खास माना जा रहा है। संभव है कि इस बैठक के बाद फिर से प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को हटवाने के लिए कवायद शुरू होगी।
आपको बता दें कि हरियाणा कांग्रेस में इस समय घमासान चरम पर है। लोकसभा चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा के लिए बुलाई गई दो बैठकों में कांग्रेस दिग्गज आमने-सामने हो चुके हैं। कांग्रेसियों की गुटबाजी के चलते प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद तक को बैठक बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा। हुड्डा समर्थक विधायक जहां प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को हटाने के लिए हाईकमान पर दबाव बना रहे, वहीं तंवर खुद इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं। इन दोनों नेताओं की लड़ाई से कार्यकर्ता भी दुखी हैं क्यू पार्टी रसातल में जा रही है।
कार्यकर्ताओं को उम्मीद रहती है कि पार्टी आगे बढ़गी तो उनका भी फायदा होगा वो भी निगम, पंचायत या कालेज के चुनाव लड़ लेंगे लेकिन पार्टी का ग्राफ नीचे गिर रहा है जिससे कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस में आपस में आगे भी जंग जारी रही तो तमाम कार्यकर्ता पाला बदल सकते हैं और मोदी-मोदी के नारे लगा सकते हैं।
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