फरीदाबाद: हाल में ऐसी खबरें आईं थीं कि फरीदाबाद रहने लायक शहर नहीं रह गया है। यहाँ आकर अब कम लोग बस रहे हैं यहाँ से दूसरे शहरों में जाने वाले ज्यादा हैं। कहा गया था कि अवैध निर्माणों के चलते यहां सारी जनसुविधाएं दम तोड़ रही हैं। रिहायशी इलाके बाजारों में तब्दील हो चुके हैं या हो रहे हैं। घनी आबादी और वाहनों की बढ़ती तादात ने शहर को जाम सा कर दिया है। बाजारों में वाहन लेकर जाना तो क्या पैदल चलना तक मुश्किल हो चुका है। अधिकतर सड़कों पर भी धूल उड़ती रहती है। देश का सबसे प्रदूषित शहर कई बार घोषित हो चुके इस शहर कई तरह की सुविधाओं का अभाव है।
वर्तमान में फरीदाबाद के जो हालात हैं वो ठीक नहीं हैं। कई कई क्षेत्रों में 12 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली न होने के कारण लोग बूँद-बूँद पानी के लिए तरस रहे हैं। एक महीने बाद जब मानसून आएगा तो यहाँ की सड़कें फिर तालाब बन जाएंगी।
कुछ नेताओं को मिर्ची जरूर लगेगी लेकिन सच यही है। इस शहर से कई गुना अच्छे अब उत्तर प्रदेश, बिहार के गांव हैं। यहाँ न शुद्ध हवा, न शुद्ध पानी मिल रहा है। हर तीसरा व्यक्ति पानी खरीदकर पी रहा है क्यू कि जो पानी सप्लाई होता है वो जहरीला होता है। बिना आरओ मशीन लगाए उस पानी को मजबूर और गरीब लोग ही पीते हैं। सड़कें बनती है तो दो साल भी नहीं चल पाती हैं। टूटने लगती हैं। कालोनियों की सड़कों पर सीवर का पानी भरा रहता है।
प्रदीप शर्मा ने एक ट्वीट किया है जिसमे उन्होंने लिखा है कि दोस्तो! मैंने job छोड़ने का फैसला कर लिया है।
कारण:
- जल्दी उठना (रातभर बिजली ना आना).
- सुबह लाइन में लगकर पानी भरना (No water).
- 3-4 टुकड़ो में गुरूग्राम जाना (No public transportation).
- रात को धूल भरे रोड पर पैदल चलना
अब नही हो पाता, #Fbd से अच्छा गाँव ही है। जा रहा हूँ।
शर्मा ने इस ट्वीट को सीएम मनोहर लाल, नगर निगम फरीदाबाद, उद्योगमंत्री विपुल गोयल, सीएमओ हरियाणा को टैग किया है।
दोस्तो! मैंने job छोड़ने का फैसला कर लिया है।कारण:- जल्दी उठना (रातभर बिजली ना आना).- सुबह लाइन में लगकर पानी भरना (No water).- 3-4 टुकड़ो में गुरूग्राम जाना (No public transportation).- रात को धूल भरे रोड पर पैदल चलना
अब नही हो पाता, #Fbd से अच्छा गाँव ही है। जा रहा हूँ। pic.twitter.com/AUKmlixFqD
— Pradeep Sharma (@itprdp) June 2, 2019
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