नई दिल्ली: उतर प्रदेश की राजनीति में बाहुबलियों का बोलबाला है खासकर पूर्वांचल में कई बाहबलियों की तूती बोलती है और कई तो जेल में भी हैं लेकिन उनके अंदाज ही निराले हैं। वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद ने मैदान से हटने का ऐलान किया है। मीडिया को भेजे गए पत्र में अतीक ने परोल न मिलने को चुनाव से हटने का कारण बताया है. साथ ही कहा है कि वह किसी भी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेंगे। अतीक अहमद की बात करें तो बड़े बड़े अधिकारी इनसे आँख मिलाने की हिम्मत नहीं करते।
अब बात करते हैं बाहुबलियों की तो एक बाबा जी को उत्त्तर प्रदेश ही नहीं देश का सबसे बड़ा डॉन आज भी कहा जाता है। अतीक अहमद हों या मुख्तार अंसारी इन सबका कद बाबा जी के घुटनों तक का भी नहीं है। बाबा जी का असली नाम सुभाष ठाकुर है। चुनावों के समय सुभाष ठाकुर उर्फ़ बाबा जेल से ही बड़ा खेल खेलते हैं और कई लोकसभा सीटों पर इनका प्रभाव है। फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे सुभाष ठाकुर के खिलाफ दर्जनों संगीन मामले चल रहे हैं। कई मामलों में उसे दोषी करार दिया जा चुका है।
सुभाष ने अपराध की दुनिया में उस वक्त कदम रखा था, जब वो मुम्बई रहने के लिए पहुंचा। वहीं से सुभाष ठाकुर की एंट्री जुर्म की दुनिया में हुई। इसके बाद सुभाष ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो एक बाद एक ताबड़तोड़ वारदात को अंजाम देता जा रहा था. इसी वजह से जुर्म की काली दुनिया में सुभाष ठाकुर के नाम का दबदबा भी बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा था। अब मुंबई में भी लोग सुभाष ठाकुर के नाम से कांपने लगे थे। वो बिल्डरों और बड़े कारोबारियों पर शिकंजा कसता जा रहा था।
सुभाष ठाकुर के बारे में हरियाणा अब तक ने जो जानकारी हासिल की है उसके मुताबिक इसे दाऊद इब्राहिम का गुरु कहा जाता है। एक समय ऐसा था जब मुम्बई पुलिस के एक कांस्टेबल का बेटा दाऊद इब्राहिम अपराध जगत में कदम रखता है। जैसे हर काम के लिए गुरु की ज़रूरत होती है, वैसे ही दाऊद को भी किसी उस्ताद की ज़रूरत थी। जिसके चलते वो सुभाष ठाकुर के दरबार में जा पहुंचा। वहीं से दाऊद इब्राहिम ने बहुत कुछ सीखा और एक दिन वो मुंबई का डॉन बन गया।
जब सुभाष ठाकुर, छोटा राजन और दाऊद के साथ मिलकर मुम्बई में काम कर रहे थे, तो उनकी दुश्मनी गवली गिरोह के साथ थी। इसी दौरान गावली ने दाऊद को गहरा जख्म दिया. उसके शूटरों ने 26 जुलाई 1992 की मुम्बई के नागपाड़ा के अरब गली में दाऊद इब्राहिम के बहनोई इस्माइल पारकर का मर्डर कर दिया था. इस हत्याकांड में पहली बार एके47 और 9 एमएम पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। इस हत्या ने दाऊद को हिलाकर रख दिया था। इस कत्ल का बदला लेने के लिए दाऊद ने सुभाष ठाकुर और छोटा राजन को लगाया था. इन दोनों की टीम ने 12 सितम्बर 1992 को मुम्बई के जेजे अस्पताल में गावली के शूटर शैलेश की हत्या कर दी थी।
सुभाष ने दाऊद का साथ उस समय छोड़ा जब मुंबई बम उसका नाम सामने आया। मुंबई काण्ड ने सुभाष को हिलाकर रख दिया इसके बाद सुभाष ठाकुर को जेजे हत्याकांड में फांसी की सजा सुनाई गई जो उम्रकैद में बदल दी गई। हाल में सुभाष ठाकुर उर्फ़ बाबा ने बनारस कोर्ट से गुहार लगाईं थी कि उसे दाऊद इब्राहिम से खतरा है इसलिए बुलेट-प्रूफ जैकेट दिया जाए। बताया जाता है कि फतेहगढ़ सेन्ट्रल जेल में आज भी बाबा का दरबार चलता है। बाबा के बारे में कहा जाता है कि जब इनके नाम से मुंबई हिलती थी तब कई हजार पूर्वांचलियों के कब्जे किये घर इन्होने मराठियों से आजाद करवाए थे। फेसबुक का ये पोस्ट पढ़ें
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