हर्षित सैनी: रोहतक। पूर्व कैप्टन जगवीर मलिक ने बताया कि वे सीएसडी कैंटीन में 27 मई को सुबह कुछ घरेलू सामान लेने गए, लेकिन भारी भीड़ को देखकर वापिस लौट आए। शाम को 3:45 बजे भी कैंटीन पर भारी भीड़ व अफरा-तफरी थी।
. अंदर स्टोर में जाने वाले गेट पर बुजुर्ग विधवाएं एवं बुजुर्ग पूर्व सैनिक की अंदर जाने के लिए काफी धक्का-मुक्की हो रही थी। इस बीच गेट खुला तो महिलाओं की अलग लाइन होने के बाद भी इंट्री गेट पर पुरुष भी भारी संख्या में अंदर घुसने के प्रयास में महिलाओं से धक्का-मुक्की कर रहे थे।
इसी बीच अचानक गेट बंद कर दिया तो एक बुजुर्ग महिला का गेट में हाथ दब गया। हाथ चोटिल होने पर वह चिल्लाई तब गेट खुला। यह समस्या एन.सी.सी. कैंटीन पूर्व सैनिकों के लिए बंद होने पर पैदा हुई। रोहतक जिले में लगभग 25 हजार पूर्व सैनिक व उनके आश्रित कैंटीन सुविधा के इस कैंटीन पर निर्भर है। जगह कम है, अंदर कम्प्यूटर भी कम हैं। जिसके कारण अंदर भी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
वर्ष 2018 में जयपुर कमांड से आए अधिकारियों को भी इस समस्या के बारे में रिपोर्ट की गई थी। वहीं प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, सेनाध्यक्ष व हरियाणा के मुख्यमंत्री से पत्र व्यवहार किया है लेकिन अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ है। फिलहाल लगता भी नहीं कि पूर्व सैनिकों की कोई सुध लेगा।
मुख्यमंत्री के सैन्य सलाह का जनरल के.जे. सिंह को भी लिखित में इस समस्या के विषय में प्वाइंट दिया था। रोहतक में पूर्व सैनिकों के दो कैंटीन का होना आवश्यक है या फिर इस कैंटीन को किसी बहुत बिल्डिंग में अधिक कम्प्यूटरों के साथ रखा जाए।
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