फरीदाबाद: अजय का मतलब अजेय होता है, अजेय का मतलब जिसकी हार न हो, जीत हो और विजय का मतलब तो सभी को पता ही है कि विजय का मतलब जीत होती है, अजय मतलब जीत और विजय मतलब जीत, भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर के दाएं और बाएं हांथों का एक ही मतलब वो है जीत, अजय और विजय बैसला केपी गुर्जर के दाएं और बाएं हाँथ की तरह हैं और आज से नहीं अजय तो उस समय से कृष्ण के साथी हैं जब वो पार्षद बने थे। विजय की बात करें तो वो नेता नहीं खुद को समाजसेवी कहलाना पसंद करते हैं और जब कोई चुनावों होता है तभी राजनीति के मैदान में दिखते हैं।
अजय दूसरी बार पार्षद बने और वो हमेशा गुर्जर के ख़ास साथी के रोल में दिखे और इस चुनाव में अजय-विजय ने केपी गुर्जर के लिए धुँआधाड बैटिंग की। दोनों भाइयों ने किस तरह की पारी खेली इसका खुलासा 23 मई के बाद होगा। गुर्जर को भाजपा की टिकट मिलने के बाद एक अख़बार ने एक खबर छापी जिसमे लिखा गया कि गुर्जर को वो पुराना दोस्त चाहिए। एक तरह से सन्देश दिया गया कि गोभी खोदने वाले नेता को गुर्जर मना लें लेकिन गुर्जर ने ऐसा नहीं किया क्यू कि उनके पास अजय-विजय हैं। गोभी खोदने वाले नेता की राजनीति चौपट होती जा रही है। आज एनआईटी में वैश्य समाज का कहना था कि हम तो हर हालत में भाजपा को ही वोट देंगे। हम किसी के बहकावे में नहीं आएंगे। आपने हमारा लाइव वीडियो देखा होगा जिसे हमने दोपहर लगभग 12 बजे पोस्ट किया था।
पार्षद अजय बैसला ने अभी कुछ देर पहले अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमे वो भाजपा को सपोर्ट करने की अपील कर रहे हैं। देखें वीडियो पर आ रहे कमेंट्स देख लगता है कि अजय-विजय की मेहनत 23 मई को रंग लाएगी। केपी गुर्जर के कई और खास साथी और सपोर्टर हैं। जल्द हम उनके बारे में भी आपको विस्तार से बताएँगे। कमेंट्स अजय के वीडियो पर
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