फरीदाबाद: नरक में लोग कैसे रहते हैं ये देखना हो आप शहर की डबुआ कालोनी में बने अरबों रूपये से सरकारी फ्लैटों में रहने वालों को जरूर देखें। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पराशर का जिन्होंने सोमवार मौके का जायजा लिया। वकील पाराशर ने बताया कि स्थानीय निवासी कई दिन से मेरे पास फोन कर रहे थे कि हम नरक में रह रहे हैं और होने इस नरक से निजात दिलाई जाए। हम भी इंसान हैं लेकिन हमारी कोई नहीं सुन रहा है। वकील पाराशर ने कहा कि मैं मौके पर गया तो देखा सच में इनका जीवन नरकीय हो चुका है। ये लोग बिना कीचड़ में घुसे अपने घरों में नहीं पहुँच सकते। घर के दरवाजे के बाहर ही सीवर का पानी भरा हुआ है जो कीचड में तब्दील हो चुका है। यहाँ पीने का पानी नहीं है और लोग खरीदकर पानी लाते हैं। लोगों ने वकील पाराशर को बताया कि घर के बाहर के कीचड़ से मोटे-मोटे कीड़े उनके घरों में रेंगते रहते हैं और इन कीड़ों को देख वो ठीक से भोजन तक नहीं कर पाते। भोजन करते वक्त उल्टियां शुरू हो जाती हैं। वकील पाराशर ने कहा कि यहाँ के लोगों की परेशानी को शब्दों में नहीं लिखा जा सकता है। लोग बहुत दुखी हैं। न यहाँ के विधायक इनका दर्द समझते हैं और न नगर निगम का कोई अधिकारी इनकी परेशानी सुनना चाहता है।
पाराशर ने बताया कि डबुआ कालोनी में गरीबों के लिए बने लगभग 2000 फ्लैटों में से 202 फ़्लैट एलाट किये गए हैं। जिनमे लगभग एक हजार लोग परिवार के साथ रहते हैं और ये बहुत दुखी हैं। पाराशर ने बताया कि यहाँ अब भी लगभग 1800 फ़्लैट खाली पड़े हैं जिनमे कोई नहीं आना चाहता क्यू कि यहाँ के लोगों की नरकीय जिंदगी देख गरीब यहाँ नहीं बसना चाहते। पाराशर ने कहा कि गरीब झुग्गी में रह लेंगे लेकिन यहाँ नहीं आना चाहते और सरकार के अरबों रूपये मिट्टी में मिल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ये फ़्लैट अब पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। जो फ़्लैट खाली हैं वो अब गिरने लगे हैं। पराशर ने कहा कि इन फ्लैटों के निर्माण में बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी जांच कराई जानी चाहिए क्यू कि लगता है इनके निर्माण में सीमेंट की जगह मिट्टी का प्रयोग किया गया था। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में प्रशासन नाम की चीज नहीं है और इसका उदाहरण देखना हो तो इन फ्लैटों को देखें जहां अरबों रूपये बर्बाद हो गए।
पाराशर ने कहा कि सोमवार मैंने फ्लैटों में रहने वाले गरीबों का दर्द देखा और अब मैं सीएम सहित मुख्य सचिव हरियाणा को पत्र लिख रहा हूँ कि इन गरीबों को नरक में रहने से बचाएं। इन गरीबों के बच्चे बीमार हो रहे हैं। असमय यहाँ के लोग मौत का शिकार हो रहे हैं। पाराशर ने कहा कि शहर के लोग नरक में रहें, मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा। सम्बंधित अधिकारी ध्यान दें वरना उन्हें कोर्ट में घसीटूंगा क्यू कि वो मोटी पगार जनता की सेवा के लिए ले रहे हैं। जनता की जिंदगी को नरकीय बनाने के लिए नहीं।
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