फरीदाबाद: अरावली पर्वत शृंखला पर फरीदाबाद जिला क्षेत्र में बने करीब 140 अवैध फार्म हाउसों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। नगर निगम कई बार इन फ़ार्म हाउसों पर कार्यवाही की बात कर चुका है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की बातें सिर्फ उनके बयान तक सीमित रहती हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पराशर का जिन्होंने कहा कि अवैध फ़ार्म हाउसों में कोई सुविधाएं नहीं हैं और आये दिन किसी न किसी फ़ार्म हॉउस में आग लगती रहती है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
पाराशर ने कहा कि पूर्व नगर निगम कमिश्नर मोहम्मद शाइन ने एक सर्वे करवाया था जिसके बाद उन्होंने दावा किया था कि करीब 50 एकड़ में बने 140 फार्म हाउसों अवैध हैं। उन्होंने उच्च अधिकारियों को भी लेटर लिखा था जिसमे उन्होंने बताया था कि इन फार्म हाउसों में कई नेताओं और अफसरों की भी प्रॉपर्टी है। फार्म हाउस बनाने से पहले नगर निगम और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से एनओसी लिए बगैर ही रजिस्ट्री करा दी गई थी।
पराशर ने कहा कि पूर्व निगम कमिश्नर ने इन अवैध निर्माणों में कई अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई थी लेकिन उनका तबादला करवा दिया गया। क्यू कि जिन नेताओं के अवैध फ़ार्म हाउसों पर गाज गिराने की बात की गई थी उन्होंने निगमायुक्त का तबादला करवा दिया था।
पराशर ने कहा कि अरावली पर अधिकतर अवैध निर्माण में नगर निगम के कुछ अधिकारियों ही नहीं तहसील विभाग के अधिकारियों ने भी गड़बड़झाला किया है और जिन फार्म हाउसों की रजिस्ट्रियां हुईं वह गलत है। पराशर ने कहा कि न किसी तहसीलदार पर अब तक कोई कार्यवाही की गई और न ही किसी फ़ार्म हाउस के मालिक पर जिसे देख लगता है कि सभी विभाग के अधिकारी मिलकर अरावली को तवाह कर रहे है। उन्होंने कहा कि अभी तक लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लगी थी जिस दौरान भी अरावली पर अवैध निर्माण जारी रहे। अब आचार संहिता ख़त्म हो चुकी है। अब भी अगर इन पर कार्यवाही नहीं की गई तो मैंने सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट जाऊंगा। उन्होंने कहा कि निगम अधिकारियों ने सिर्फ खानापूर्ति के लिए कुछ दीवारें गिराई हैं। किसी फ़ार्म हाउस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। पाराशर ने कहा कि लगभग एक दर्जन फ़ार्म हाउसों को वैध बताया गया था लेकिन उनमे भी कई तरह की कमियां हैं।
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