फरीदाबाद: शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल को इलाज की जरूरत है। ये अस्पताल पूरी तरह से बीमार हो चुका है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एल एन पाराशर का जिन्होंने आज सुबह अस्पताल का दौरा किया और कहा कि अस्पताल में कई कमियां हैं जिस कारण गरीब यहाँ दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं।
पाराशर ने कहा कि शहर में गर्मी पड़ रही है और अस्पताल में पीने का पानी नहीं है। मरीज दूर से खरीदकर पानी लाते हैं। जो मशीन लगी है वो खराब पडी है। मशीन इतनी कबाड़ा है कि मकैनिक रोज उसे ठीक करता है रोज वो खराब हो जाती है।
पाराशर ने कहा कि अस्पताल में साफ़-सफाई का बुरा हाल है। यहाँ स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रहें हैं। शौंचालय में भी पानी नहीं आता जिस कारण मरीज बेहाल रहते हैं। मरीजों को दवाईयों के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं जो मरीज सस्ते और सरकारी घोषणाओं में फ्री इलाज के लिए यहां आते हैं उन्हें यहां आकर मायूस लौटना पडता है।
पाराशर ने कहा कि मरीजों के मुताबिक यहां के मैडिकल स्टोर पर जब वो दवाई लेने जाते हैं तो जो दवाईयां सस्ती होती हैं वो तो उन्हें यहां मिल जाती हैं लेकिन जो दवाईयां महंगी होती हैं उनके लिए बोल दिया जाता है कि बाहर से खरीदों।
वकील पाराशर ने कहा कि बीमार अस्पताल के कारण शहर के लोगों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है जहाँ पहुँच उनकी जेब ढीली हो जाती है। पाराशर ने कहा कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बड़े-बड़े दावा करते हैं लेकिन इस अस्पताल की हालत देख उनके दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
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