फरीदाबाद: हरियाणा में लगभग ढाई साल पहले ऐसा समय भी आया था जब तमाम विधायक मुख्यमंत्री मनोहर लाल से नाराज थे। सीएम बदलने की मांग की जा रही थी। कुछ केबिनेट मंत्रियों को खुद को सीएम के रूप में प्रमोट करना शुरू कर दिया था। खट्टर के एक बड़े मंत्री ने तो बड़ी तैयारी शुरू कर दी थी और पूरे प्रदेश में कार्यकर्ता बनाये जा रहे थे। उसी समय जाट आंदोलन शुरू हुआ और उस मंत्री को पीछे हटना पड़ा। उसके बाद भी खट्टर को बदले जाने की मांग उठती रही और एक और मंत्री भी सीएम बनने का सपना देखने लगा लेकिन खट्टर के साथ मोदी के मंत्री कृष्णपाल गुर्जर मजबूती खड़े थे और खट्टर की कुर्सी पर आंच नहीं आने दिया।
कल कृष्णपाल गुर्जर ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। कहा जा रहा है कि इस समय सीएम गुर्जर के साथ खड़े रहे और मोदी से गुर्जर की पुरानी दोस्ती भी कल काम आ गई वरना फरीदाबाद में तो बड़ी-बड़ी अफवाहें फ़ैल रहीं थीं। इस बार कई बड़े मंत्रियों का पत्ता भी कट गया। जिन नेताओं को 48 घंटे में बनी दाल रायसीना नहीं खाने को मिली उनमे मेनका गांधी, महेश शर्मा, सुरेश प्रभु, उमा भारती, राधा मोहन सिंह, अनंत सिंह गीते, अनंत कुमार हेगड़े, रामकृपाल यादव, मनोज सिन्हा, चौधरी बीरेंद्र सिंह, जुएल ओरम, अल्फोंस, विजय गोयल, एसएस अलुवालिया, हंसराज अहीर, जयंत सिन्हा, अश्विनी कुमार चौबे, शिवप्रताप शुक्ला, सुदर्शन भगत, विजय सापला, अजय टम्टा, पीपी चौधरी, सत्यपाल सिंह, कृष्णा राज, सुभाष भामरे, छोटू राम चौधरी, राजेन गोहिन, विष्णुदेव साई, रमेश चंदप्पा, पोन राधाकृष्णन प्रमुख हैं। एक दो नेता और मंत्रिमंडल से बाहर का लेकिन स्वास्थ्य कारणों के कारण उन्होंने खुद मना कर दिया था।
इस बार कृष्णपाल गुर्जर को मोदी कैबिनेट में बतौर राज्यमंत्री जगह मिली है। गुर्जर की गिनती हरियाणा भाजपा में पुराने और कर्मठ नेताओं मेंकी गिनती होती है। मोदी पार्ट -1 में भी गुर्जर को राज्य मंत्री बनाया गया था। गुर्जर हरियाणा में भाजपा विधायक दल के नेता भी रहे हैं। इस बार उन्होंने फरीदाबाद से कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को 6 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव हराया । कृष्णपाल गुर्जर को कैबिनेट में जगह देकर मोदी ने हरियाणा के पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ राजस्थान के गुर्जरों को भी खुश करने की कोशिश की है। गुर्जर की गिनती प्रदेश के जुझारू नेताओं में भी होती है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रहते हुए उन्होंने दिव्यांग लोगों के लिए काफी काम किया। देश भर में शिविर लगाकर उन्होंने ऐसे लोगों की जरूरतों को पूरा किया। गुर्जर चुनाव में सभी 9 हलकों से भारी अंतर से चुनाव जीते हैं। चार महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं और विधानसभा चुनावों में गुर्जर का जलवा देखा जा सकेगा। भाजपा की अधिकतर टिकटें उन्हें मिलेंगे जिन्हे गुर्जर चाहेंगे।
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