कुरुक्षेत्र 29 मई राकेश शर्मा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश अब फसल विविधिकरण और पीने के पानी को बचाने के लिए पूरे देश में एक उदाहरण बनेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने जल ही जीवन योजना को अमलीजामा पहनाने का काम किया है। इस योजना के तहत धान की फसल को अपनाने की बजाए किसानों को प्रथम चरण में मक्का फसल को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस योजना के तहत पायलट प्रोजैक्ट के तहत प्रदेश के डार्क जोन वाले 7 जिलों के 8 ब्लाकों को शामिल किया गया है। इन ब्लाकों में 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्का फसल की पैदावार का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। अहम पहलू यह है कि किसानों को सरकारी की तरफ से बीज नि:शुल्क दिए जाएंगे, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की किश्त सरकार द्वारा वहन की जाएगी और 2 हजार रुपए की सबसीडी दो किश्तों में 31 अगस्त से पहले सीधे किसानों के खातों में डाल दी जाएगी। इतना ही नहीं राज्य सरकार द्वारा मक्के की फसल को निर्धारित मुल्य पर खरीदा भी जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उपायुक्त के साथ-साथ कृषि विभाग के अधिकारी हर भरसक प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुधवार को चंडीग़ढ से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए विधायकों, उपायुक्तों, कृषि विभाग के अधिकारियों और किसानों से सीधी बातचीत कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल के ब्लांक असंध, कैथल के ब्लाक पूंडरी, अम्बाला के ब्लाक अम्बाला-1 व साहा, जींद के ब्लाक नरवाना, यमुनानगर के ब्लाक रादौर, सोनीपत के ब्लाक गन्नौर व कुरुक्षेत्र के ब्लाक थानेसर के स्थानीय विधायकों, उपायुक्तों व प्रत्येक ब्लाक के 5-5 किसानों से सीधी बातचीत की और मक्का की फसल की पैदावार को बढ़ावा देने सहित अन्य मामलों के बारे में फीडबैक रिपोर्ट देने के साथ-साथ सुझाव भी आमंत्रित किए। इस दौरान कुरुक्षेत्र से थानेसर विधायक सुभाष सुधा, उपायुक्त डा. एसएस फुलिया, लुखी के किसान बलजिन्द्र सिंह, इसाकपुर के किसान सुरेन्द्र कुमार, अमीन के किसान अश्विनी शर्मा, बारना के किसान गुरविन्द्र सिंह, आलमपुर के किसान दिलबाग से भी बातचीत की। इस दौरान सभी किसानों ने खुलकर अपने मन की बात को रखा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा की गई पहल की जमकर प्रशंसा भी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल ही जीवन है योजना को शुरु किया गया है, इस योजना के तहत पीने के पानी को बचाने के साथ-साथ आने वाली पीढिय़ों की चिंता को दूर करने के दायित्व को भी निभाने की तरफ कदम बढ़ाया गया है। पीने के पानी के संकट के कई दुष्परिणाम सामने आ सकते है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार द्वारा एक छोटी सी पहल की गई है। इस प्रदेश में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है और बरसात के कम और ज्यादा होने पर ही निर्भर रहना पड़ता है। प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी की खपत सिंचाई पर हो रही है और पानी की आवश्यकता सबसे ज्यादा पीने के लिए होती है। उन्होंने कहा कि इन तमाम पहलुओं को जहन में रखते हुए सरकार ने अब फसल विविधिकरण के तहत कम पानी वाली खेती को अपनाने के लिए किसानों को जागरुक करने का एक दृढ संकल्प किया है। इस संकल्प के तहत उन्होंने स्वयं चावल न खाने का निर्णय लिया है, क्योंकि एक किलोग्राम चावल को तैयार करने पर 3 हजार से 5 हजार लीटर पानी की खपत होती है। इसके लिए बहुत कम लोग ही चिंता करते है, अब प्रदेश के किसानों को ही नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक को बड़ी सोच के साथ सरकार का सहयोग करना होगा।
उन्होंने जल ही जीवन योजना के तहत 7 जिलों के 8 ब्लाकों को पायलट प्रोजैैक्ट में शामिल करके किसानों को धान की बजाए मक्का फसल उगाने के लिए अनुरोध किया है। इस योजना के तहत किसानों को मक्के का बीज नि:शुल्क दिया जाएगा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की किश्त भी सरकार द्वारा भरी जाएगी, किसानों के खातों में 2 हजार रुपए की राशि भी जमा करवाई जाएगी, इसमें से 200 रुपए की राशि पंजीकरण के साथ और 1800 रुपए की राशि फसल अपनाने पर अगस्त माह तक खातों में जमा करवा दी जाएगी। इससे पानी, बिजली की बचत होने के साथ-साथ किसानों की आय में भी इजाफा होगा। इतना ही नहीं भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए किसान 10 जून तक अपना पंजीकरण करवा सकते है। सरकार ने गिरते हुए भू स्तर को रोकने की चुनौती को स्वीकार करते हुए यह निर्णय लिया है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पानी को बचाना प्रत्येक व्यक्ति का एक सामाजिक दायित्व भी बनता है, इसलिए अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करने के साथ-साथ भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए पानी को बचाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सीजन में सरकार द्वारा मक्का की फसल का एक-एक दाना सरकार द्वारा निश्चित तौर पर न्यूनतम मुल्य पर खरीदी जाएगी, इसलिए प्रदेश के अधिक से अधिक किसान फसल चक्र अपनाए ताकि हरियाणा पानी को बचाने और फसल चक्र के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बने और इस राज्य के 8 ब्लाक पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्त्रौत बने। उन्होंने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा ताकि भावी पीढ़ी को हम पीने का पानी उपलब्ध करवा पाए। इस प्रेस वार्ता में हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से मक्का की फसल को अपनाने के प्रति किसानों को जागरुक करने की यह एक ऐतिहासिक शुरुआत है, क्योंकि जल संकट एक बड़ी चुनौती है, मुख्यमंत्री की पहल से इस अनूठी योजना को बेशक छोटे स्तर पर किया जा रहा है, लेकिन आने वाले समय में यह पहल ऐतिहासिक साबित होगी। प्रदेश के किसानों को मक्का की फसल अपनाने के लिए अपील की जा रही है ताकि हरियाणा प्रदेश पूरे देश में एक उदाहरण बने।
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