फरीदाबाद। फरीदाबाद के तीन वरिष्ष्ठ पत्रकारों के खिलाफ गैरकानूनी
तरीके से मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी करने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रदेश
के आला पुलिस अधिकारियों को अदालत में जवाब दाखिल ना करने पर फटकार लगाई
है। इस मामले में पीडि़त पत्रकारों ने माननीय हाईकोर्ट में याचिका दायर
की थी, जिसकी सुनवाई के दौरान हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट ने राज्य के
तत्कालीन डीजीपी बीएस संधू, फरीदाबाद के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमिताभ
ढिल्लो, तत्कालीन डीसीपी सुखबीर सिंह पहलवान, सहित कई पुलिस कर्मचारियों को
नोटिस जारी करते हुए कहा था कि क्यों ना इस मामले में आपके खिलाफ सुप्रीम
कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलाया जाए। इस मामले में 23 मई तक उपरोक्त
पुलिस अधिकारियों को अदालत में अपना जवाब दाखिल करना था। पंरतु उपरोक्त
तिथि तक उक्त अधिकारी अपना जवाब दाखिल नहीं कर पाए। 23 मई को हाईकोर्ट
में सुनवाई के दौरान हरियाणा के सीनियर डिप्टी अटार्नी जनरल ने अदालत से
प्रार्थना की कि उक्त पुलिस अधिकारियों को जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और
समय की मोहलत दी जाए। इस पर माननीय न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर ने अदालत
में मौजूद संबंधित पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि अगली
तिथि तक जवाब दायर ना किया तो उन्हें इसकी भारी कीमत अदा करनी पड़ेगी।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 3 सितंबर 2019 निश्चित की है। पीडि़त
पत्रकारों की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एस. बराड़, एडवोकेट पवन
सांखला व ललित सांखला पेश हुए।
उल्लेखनीय है कि कि एक समाचार प्रसारित करने पर गैर-कानूनी तरीके से
फरीदाबाद पुलिस ने तीन वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ 16 अप्रैल 2018 को
आईटी एक्ट 67ए, 354डी एवं 499 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जबकि तीनों
पत्रकारों द्वारा प्रकाशित खबरों में किसी व्यक्ति, महिला एवं राजनैतिक
दल का नाम तक नहीं था। इसके बावजूद पुलिस ने बिना किसी जांच के ही मुकदमा
दर्ज कर उन्हें अनैतिक तौर से हिमाचल प्रदेश के ऊना से उस समय गिरफ्तार
किया, जब ये तीनों पत्रकार धार्मिक स्थल पर जा रहे थे।
अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा के तत्कालीन डीजीपी बी.एस.
संधू , फरीदाबाद के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमिताभ ढिल्लो ( वर्तमान
आई.जी. हिसार), तत्कालीन डीसीपी क्राईम सुखबीर सिंह पहलवान (मौजूदा एसपी
विजिलेंस गुरूग्राम),फरीदाबाद के तत्कालीन क्राईम ब्रांच सैक्टर 30
प्रभारी सहित कई पुलिस कर्मचारियों को व्यक्तिगत नोटिस जारी किए थे।
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