नई दिल्ली: 23 मई को इस समय तक कई नेताओं के दफ्तरों पर ढोल बजने लगेंगे। लोकसभा चुनावों के रुझान आने लगेंगे। एग्जिट पोल में जिस तरह से कांग्रेस का प्रदर्शन दिखाया गया है अगर नतीजे वैसे ही आये तो राहुल गांधी का राफेल फुस्स हो जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई महीने से राफेल डील का मुद्दा उठा रहे हैं और कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर कह चुके हैं। अगर जनता कांग्रेस को नकारती है तो साफ पता चल जाएगा कि राहुल ने बार-बार प्रधानमंत्री को चोर बोल अपनी पार्टी के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। कई दिग्गज कांग्रेसियों को मैदान में उतारा गया है और एग्जिट पोल की मानें तो कई दिग्गज चुनाव हार सकते हैं यहाँ तक की राहुल गांधी की अमेठी सीट पर भी कड़ी टक्कर है। अगर कांग्रेस के दिग्गज चुनाव हारे तो अंदरखाने से वो हार का ठीकरा अपने अध्यक्ष पर ही फोड़ेंगे। हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा को भी कड़ी टक्कर मिल रही है और अगर इन तीनों दिग्गजों में से किसीकी भी हार हुई तो राहुल गांधी पर उंगली उठ सकती है। जल्द हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं और खुलकर कोई राहुल गांधी का विरोध नहीं करेगा लेकिन अंदरखाने दोष राहुल गांधी को ही देंगे।
राहुल गांधी ने न्याय योजना पर काफी भरोसा किया जिसके तहत देश की गरीब बीस फीसदी आबादी को हर साल 72 हजार रुपये देने का वादा किया गया। लेकिन, इस योजना से पहले ही मोदी सरकार पीएम-किसान योजना लागू कर चुकी थी, जिसके तहत हर गरीब किसान परिवार को हर साल छह हजार रुपया मिलना है। इसकी दो हजार रुपये की किश्त (हर चार महीने पर दो-दो हजार का भुगतान साल में होना है) इन किसानों के बैंक खातों में चुनावी मौसम में पहुंची भी, सरकार ने पूरी तरह सुनिश्चित किया कि यह इसके लाभार्थियों तक पहुंचे। इस चुनाव में कांग्रेस न्याय को जनता तक नहीं पहुंचा सकी। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस को ऐसा छकाया कि कांग्रेस अन्य मुद्दों पर भाजपा पर सवाल उठाने लगी और कांग्रेस का न्याय भी फुस्स होता दिख रहा है।
एग्जिट ग्जिट पोल के नतीजों के सामने आने के बाद राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया कि कांग्रेस को निश्चित ही मर जाना चाहिए. अगर यह आइडिया आफ इंडिया को बचाने के लिए इस चुनाव में भाजपा को नहीं रोक सकी, तो इस पार्टी की भारतीय इतिहास में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं है. आज यह देश में एक विकल्प के निर्माण की राह की सबसे बड़ी बाधा बन चुकी है।
बाद में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि मेरा यह कहना कि इस पार्टी की भारतीय इतिहास में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं है, से शायद कोई भ्रम पैदा हुआ हो. मैं स्वतंत्रता से पहले और इसके तुरंत बाद कांग्रेस की महान भूमिका से इनकार नहीं कर सकता. मैं जो कहना चाह रहा हूं वह यह है कि पार्टी की अब इतिहास में निभाने के लिए कोई सकारात्मक भूमिका नहीं बची है। यादव के इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको का बयां आया और उन्होंने कहा कि 23 मई का इन्तजार करना चाहिए।
The Congress must die.If it could not stop the BJP in this election to save the idea of India, this party has no positive role in Indian history. Today it represents the single biggest obstacle to creation of an alternative.
My reaction to @sardesairajdeep https://t.co/IwlmBmf75d
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) May 19, 2019
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