नई दिल्ली: देश के तमाम नगर निगम के पार्षद बड़ा नेता बनने का सपना देखते हैं। पार्षद के बाद उनका लक्ष्य होता है वो विधायक बनें उसके बाद सांसद बनने का उनका ख्वाब होता है। कर्नाटक के बेंगलुरु में कडुगोडी वॉर्ड के पार्षद एस मुनीस्वामी ने गजब की छलांग लगाईं और पार्षद से सीधा सांसद बन गए लेकिन बड़ी बात ये सामने आ रही है कि एस मुनीस्वामी सांसद बनने के बाद भी पार्षद का पद छोड़ने के लिए राजी नहीं हो रहे हैं।
बीजेपी ने मुनीस्वामी को कांग्रेस के केएच मुनीयप्पा के खिलाफ टिकट दिया था। मुनीस्वामी ने उन्हें 2.1 लाख वोटों के अंतर से हराया है। मुनीस्वामी पहले ऐसे पार्षद हैं जो सांसद भी चुने गए हैं। मुनिस्वामी की भी हालत में पार्षद का पद नहीं छोड़ना चाहते हैं। उनका कहना है कि कर्नाटक म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऐक्ट 1976 में इस बारे में कुछ भी नहीं लिखा है कि अगर कोई पार्षद विधायक या सांसद चुना जाता है तो उसे पार्षद का पद छोड़ना होगा।
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