फरीदाबाद: 23 मई की शाम को फरीदाबाद में जमकर पटाखे फोड़े गए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरेआम पटाखे फोड़े तो लोकसभा क्षेत्र के कई कांग्रेसियों ने अपने घर के अंदर बाहर का दरवाजा बंद कर जश्न मनाया। अब आप सोंच रहे होंगे कांग्रेस ने 23 मई को क्यू जश्न मनाया, क्यू कि कांग्रेस के प्रत्याशी अवतार भड़ाना तो रिकार्ड मतों से हार गए थे। उस दिन तो कांग्रेस के लिए मातम की शाम थी। ऐसा नहीं है उस शाम कई कांग्रेसियों ने जश्न मनाया है और रात्रि में अपने खास समर्थकों को उन्होंने पार्टी भी दी है। हरियाणा अब तक को अपने गुप्त सूत्रों द्वारा इस गुप्त जश्न की जानकारी मिली है।
आपको बता दें कि अवतार भड़ाना ने पिछ्ला लोकसभा चुनाव फरीदाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर लड़ा था। उस समय शहर के अधिकतर कांग्रेसी नेताओं ने उनका साथ दिया था लेकिन मोदी लहर में वो रिकार्ड मतों से हार गए थे। उसके बाद विधानसभा चुनाव के पहले वो चश्मे वालों ने मिल गए और और उन्होंने इनेलो ज्वाइन कर लिया था।
उस समय लोकसभा क्षेत्र की 9 विधानसभा सीटों पर अवतार भड़ाना ने इनेलो के लिए प्रचार किया था और प्रचार के दौरान उन्होंने उस समय के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जमकर वार किया था। फरीदाबाद में हुड्डा गुट मजबूत है और हुड्डा के खिलाफ फरीदाबाद के तमाम कांग्रेसी नेता कुछ नहीं सुनना चाहते और जब उस समय के इनेलो नेता अवतार भड़ाना ने हुड्डा पर तीखा हमला किया तो हुड्डा के कई समर्थक अवतार से नाराज हो गए और उन्होंने प्रण ले लिए कि इस दलबदलू को मौका मिलने पर सबक सिखाया जायेगा।
यही नहीं जब अवतार भड़ाना 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे और कांग्रेस की टिकट पर लड़ रहे थे तो कई कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें माला भी पहनाई थी। वो माला फूलों की नहीं, दूसरी वाली माला थी ( दूसरी माला का मतलब समझदार है तो समझ लें ) कांग्रेसी नेताओं में अवतार के लिए खूब माल माला के रूप में खर्च किया था लेकिन अवतार भड़ाना ने लोकसभा चुनावों में हार के बाद चश्मा पहन लिया और जिन कांग्रेसियों ने माल वाली माला पहनाई थी उनके खिलाफ प्रचार लिया और इनेलो नेताओं को जिताने के लिए माल वाला माला पहनाने वाले कांग्रेसियों का दिल तोड़ दिया। ये सभी साढ़े चार साल से मौका ढूंढ रहे थे। जब अवतार भड़ाना भाजपा छोड़ कांग्रेस में आये तो इन सभी कांग्रेसियों को लगा कि बदला लेने का समय आ गया है और उन्होंने बदला ले लिया। 23 मई को उन्होंने गुप्त रूप से जश्न मनाया। सूत्रों की मानें तो फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के 7 विधानसभा क्षेत्रों में हुड्डा के समर्थक मजबूत हैं और वो हुड्डा के फोन का इंतजार कर रहे थे कि वो क्या चाहते हैं लेकिन हुड्डा का फोन नहीं आया?
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