नई दिल्ली: दिल्ली में 8 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं और पार्टी में अब भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। लोकसभा चुनावों में पार्टी की 70 में से लगभग 65 विधानसभा क्षेत्रों पर बुरी तरह हार हुई जिसका ठीकरा कुछ लोगों पर फोड़ा जा रहा है। आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहीं चांदनीचौक से विधायक अलका लांबा ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें पार्टी विधायकों के वॉट्सऐप ग्रुप से एक बार फिर हटा दिया गया है। इस वॉट्सऐप ग्रुप में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं। ग्रुप से निकाले जाने के बाद अलका लांबा आम आदमी पार्टी पर बड़े हमले कर रही हैं। अब उन्होंने एक ट्वीट किया है जिसमे लिखा है कि 2013 में आप के साथ शुरू हुआ मेरा सफ़र 2020 में समाप्त हो जायेगा।
मेरी शुभकामनाएं पार्टी के समर्पित क्रांतिकारी ज़मीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा रहेगीं, आशा करती हूं आप दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बने रहेगें।
आप के साथ पिछले 6साल यादगार रहगें-
आप से बहुत कुछ सीखने को मिला।
आभार।
इसके पहले एक यूजर ने लिखा कि इतनी बेइज़्ज़ती बर्दास्त कैसे करती हो इसराईल रिटर्न बुआ तो अलका ने उसे जबाब देते हुए लिखा कि यह इनता घटिया - दो कौड़ी का इंसान है कि सभी विदेश में बैठे मुस्लिम्स को मेरा नंबर देकर अभद्रता करने को कह रहा है,क्यों कि देश में मुस्लिम्स के साथ यह मुझे खड़े नही देख पा रहा,उन्हें मेरे खिलाफ़ लगातर भड़काने का काम कर रहा है,लगता है किसी के पैसे और इशारे पर यह ऐसा कर रहा है।
व्हाट्सएप ग्रुप से निकाले जाने के बाद उन्होंने लिखा कि गुस्सा मुझ पर कुछ यूं निकाला जा रहा है, अकेली मैं ही क्यों?मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप कह रहे हैं,
कभी ग्रुप में जोड़ते हो,कभी निकालते हो,बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते,बात करते,गलतियों और कमियों पर चर्चा करते,सुधार कर के आगे बढ़ते।
गुस्सा मुझ पर कुछ यूं निकाला जा रहा है, अकेली मैं ही क्यों?मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप कह रहे हैं,कभी ग्रुप में जोड़ते हो,कभी निकालते हो,बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते,बात करते,गलतियों और कमियों पर चर्चा करते,सुधार कर के आगे बढ़ते। pic.twitter.com/3zsZ9TVmQB— Alka Lamba (@LambaAlka) May 25, 2019
फिर उन्होंने लगातार कई ट्वीट किये जिसमे उन्होंने लिखा की ऐसे समय में जब स्वयं CMकी विधानसभा में पार्टी तीसरे नंबर पर रहे,70विधानसभाओं में हार हो,पार्टी की ज़मानत जब्त हो,जिम्मेदारी तो उसकी बनती है जिसने अकेले कमरे में बैठा कर उम्मीदवार,मुद्दे और गठबंधन के साथ जाने का फ़ैसला किया,उसे क्या सज़ा मिलनी चाहिये?उसे इस्तीफ़ा नही देना चाहिये?
पार्टी के भीतर कुछ लोगों ने खूब ज़ोर लगा रखा है पिछले 5 महीनों से की मुझे पार्टी से बाहर कर दिया जाए,या ऐसा माहौल पैदा किया जाये की मैं भी दूसरों की तरह पार्टी छोड़ कर चली जाऊँ,
मेरा मेरी जनता से 5साल साथ देने का वायदा था,वायदा तो निभा कर ही जाऊँगी,कुछ अधूरे काम पूरे जो करने हैं।
Lo aap ke liye @ashutosh83B @DrKumarVishwas @AamAadmiParty @LambaAlka @KumarKunalmedia @KapilMishra_IND @jainendrakumar pic.twitter.com/XQPoLGIBr6— dinesh Joshi (@diplomaticjoshi) May 25, 2019
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