फरीदाबाद: 2014 की 16 मई को इस समय तक सेक्टर 28 मेला लगना शुरू हो गया था और ढोल भी बजने लगे थे। कुछ भाजपा नेता इस समय नागिन डांस कर रहे थे। सेक्टर 28 के हंसघर में पहली बार इतनी खुशी देखी गई थी। आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनावों के परिणाम 16 मई को आये थे। इसी दिन वोटों की गिनती हुई थी और इस समय पर भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर इतनी बढ़त बना चुके थे कि लगने लगा था कि अब उनकी जीत पक्की है और सुबह 10 से उनके घर और दफ्तर के बाहर जश्न मनाया जाने लगा था। उस समय के एक भाजपा नेता विजय चंदीला सुबह 10 बजे नागिन डांस करते देखे गए थे।
साल 1977 में फरीदाबाद लोकसभा के पहले चुनाव हुए थे, उसके बाद से अब तक फरीदाबाद लोकसभा सीट के लिए 12 चुनाव हो चुके हैं। इस बार के चुनाव का परिणाम 23 मई को आएगा। अब तक सभी चुनावों में सबसे अधिक वोट प्राप्त करने का रिकॉर्ड इन लोकसभा चुनावों में बीजेपी प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर के नाम रहा है। कृष्णपाल गुर्जर ने 2014 लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक वोट प्राप्त किए थे , सबसे अधिक वोटों से भी जीत दर्ज की थी । 2014 के पहले इस लोकसभा सीट पर सबसे बड़ी जीत का खिताब अवतार सिंह भड़ाना के नाम था और सबसे अधिक वोट प्राप्त करने का रिकॉर्ड भजनलाल के नाम था। 2014 में कृष्णपाल गुर्जर ने सबसे अधिक 6 लाख 52 हजार 516 वोट प्राप्त किए और 4 लाख 66 हजार 873 वोटों से जीत दर्ज की थी । सबसे कम वोटों से जीत प्राप्त करने का रिकॉर्ड तयैब हुसैन के नाम है। इन्होंने सिर्फ 158 मतों से जीत प्राप्त की थी।
2014 से पहले सबसे अधिक वोटों से चुनाव जीतने का रेकॉर्ड अभी तक अवतार सिंह भड़ाना के नाम था। 2004 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान अवतार सिंह को 3 लाख 57 हजार 284 वोट मिले थे। उन्होंनेअपने प्रतिद्वंदी आईएनएलडी के उम्मीदवार मोहम्मद इल्यास को 1 लाख 51 हजार 929 वोटों से हराया था। मोहम्मद इल्यास ने इन चुनावों में 2 लाख 53 हजार 55 वोटर प्राप्त किए थे। सबसे कम वोटों से जीत हासिल करने का रेकॉर्ड पूर्व सांसद तयैब हुसैन के नाम है। 1980 में हुए लोकसभा चुनावों में तयैब हुसैन कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार थे और चुनावों में उन्होंने 1 लाख 51 हार 665 वोट प्राप्त किए थे। अपने प्रतिद्वंदी खुर्शीद अहमद को इन्होंने कुल 158 वोटों से हराया था। खुर्शीद अहमद ने इन चुनावों में 1 लाख 51 हजार 507 वोट प्राप्त किए थे।
अब फरीदाबाद की जनता और सभी उम्मीदवारों की नजर 23 मई पर टिकी है। गुर्जर के समर्थकों को आशा है कि इस बार भी कोई रिकार्ड बनेगा। अन्य उम्मीदवारों को भी लगता है कि इस बार उनकी जीत होगी।
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