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हरियाणा के डेढ़ करोड से ज्यादा मतदाता चुनेंगें लोकतंत्र की सबसे बडी पंचायत के 10 सदस्य

Loksabha-Election-2019-Haryana-Sps
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कुरुक्षेत्र राकेश शर्मा। हरियाणा अब तक:   प्रदेश में चुनावी रणभेरी पूरी तरह से बज चुकी है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने जहां सभी 10 सीटों पर अपने योद्धाओं का चयन कर लिया है, वहीं अन्य पार्टियां रणभेरी बजने के काफी दिनों के बाद भी उम्मीदवारों का चयन अभी तक नही कर पाई हैं। हरियाणा में सबसे बडे उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले चुनाव में प्रदेश के तकरीबन 1 करोड 56 लाख मतदाता अपने मत का प्रयोग कर लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत के लिए 10 सदस्यों का चयन करेंगें। इतना ही नही अबकी बार 12 फीसदी मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार अपने मत का प्रयोग करेंगें। प्रदेश में पिछले पांच सालों में 17 लाख 60 हजार नए वोट बने हैं। लिहाजा मतदाता सूची में भी 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अहम पहलू यह भी है कि नए मतदाताओं में से बेटियों की संख्या ज्यादा है। वर्ष 2014 के मुकाबले जहां 8 लाख 96 हजार ज्यादा युवा लड़कियां लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति डालेंगी, वहीं ऐसे युवाओं की संख्या 8 लाख 64 हजार 312 है। पिछले आम चुनाव के बाद वोटर लिस्ट में लड़कों की अपेक्षा 31 हजार 956 लड़कियां अधिक शामिल हुईं। पहले महिला मतदाताओं की संख्या 45.86 फीसद थी जो अब 46.35 फीसद तक पहुंच गई है।
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टिकट बंटवारें में साधे जा रहे जातिगत आंकड़े 
सभी पार्टियां प्रदेश की सभी 10 सीटों पर टिकट बंटवारे में जातिगत आंकड़ों को ज्यादा तवज्जों दे रही हैं। हर सीट पर जातिगत आंकड़ों को आधार मानकर टिकट बंटवारा हो रहा है, जाट-नॉन जाट का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से निर्देश भी दिए गए हैं कि आम चुनाव में अगर किसी भी प्रत्याशी ने जाट बनाम गैर जाट या फिर जातिवाद और धर्म का कार्ड खेला तो उसकी उम्मीदवारी खत्म हो सकती है। दोष साबित होने पर छह महीने से दो साल तक के लिए जेल की हवा भी खानी पड़ेगी। 
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दावे 36 बिरादरी के, जाट-गैर जाटों पर नजर 
हरियाणा में भले ही सभी सियासी दल 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने के दावे कर रहे हैं, लेकिन संसदीय चुनाव में असली महासंग्राम जाट और गैर जाट वोटों को लेकर होना है। प्रदेश में करीब 25 फीसदी जाट वोटर हैं, जबकि करीब 30 फीसद पंजाबी, ब्राह्मण, वैश्य और राजपूत हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है। भिवानी, रोहतक, सोनीपत व हिसार में जाट वोट बैंक हावी रहता है तो अंबाला व सिरसा में दलितों का पूरा प्रभाव है। इसी तरह फरीदाबाद, सिरसा, कुरुक्षेत्र व करनाल में पंजाबी और गुरुग्राम में अहीर व सिख मतदाताओं का पूरा असर रहता है। 
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भाजपा ने सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। भाजपा ने प्रदेश में जाट-नॉन जाट के बने माहौल को देखते हुए दो जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, वहीं दो ब्राह्मण, दो एससी, एक गुर्जर, एक अहीर, एक पंजाबी व एक सैनी को चुनावी रण में उतारा है। 
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आप-जजपा का गठबंधन कितना सार्थक? 
बेशक आम आदमी पार्टी की ओर से प्रदेश में कांग्रेस व जननायक जनता दल पार्टी से गठबंधन की पेशकश की गई थी। कांग्रेस के साथ तो आप का गठबंधन नही हो सका लेकिन जजपा से आप ने 7:3 के अनुपात में गठबंधन कर लिया है। ऐसे मे आज उम्मीदवार भी घोषित कर दिए जाएंगें। अब आप व जजपा का गठबंधन कितना सार्थक सिद्ध होता है यह तो समय ही बताएगा, लेकिन समीकरण कुछ नए बनने की संभावना है। 
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इनेलो किस-किस पर खेलेगी दांव 
इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने उम्मीदवारों की लिस्ट बना ली है। लिस्ट पर मुहर इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला लगाएंगे। आज इनेलो अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। यह देखने की बात होगी कि हरियाणा की राजनीति के एक्सपर्ट माने जाने वाले ओमप्रकाश चौटाला किस-किस उम्मीदवार पर दांव खेलते हैं। हालांकि इनेलो की ओर से भाजपा को समझौते की पेशकश की गई थी जोकि सिरे न चढ़ सकी। 
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कांग्रेस के दांव 
कांग्रेस ने 6 उम्मीदवारों को घोषित कर दिया है। 4 सीटों पर अभी कांग्रेस को उम्मीदवार घोषित करने बाकि हैं। इन चार सीटों में से कुरुक्षेत्र लोकसभा पर संशय बना हुआ है। कांग्रेस पूर्व सांसद व उद्योगपति नवीन जिंदल पर दांव खेलना चाहती है, लेकिन नवीन जिंदल चुनाव लडने के लिए तैयार नही हैं। ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस जिंदल को चुनाव के लिए तैयार कर पाते हैं या फिर किसी अन्य उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारते हैं।
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