फरीदाबाद: कांत एन्क्लेव मामले और सोमवार सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई थी जहाँ कोर्ट ने कांत एन्क्लेव के पार्टनरों को गुरुवार रकम जमा कराने के आदेश दिए हैं और शुक्रवार को इसकी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर ने बताया कि कांत एन्क्लेव मामले में मैंने भी पार्टी बनने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी और अगली तारीख पर मैं सुप्रीम कोर्ट में कई ऐसे सबूत पेश करूंगा जिसमे अब भी अरावली पर अदालत की अवमानना हो रही है। अवैध खनन और अवैध निर्माण जारी हैं।
पाराशर ने कहा कि 11 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अरावली पर 18 अगस्त 1992 के नोटिफिकेशन के बाद का निर्माण पूरी तरह से अवैध है। जिन्हे तोडा जाना चाहिए। अधिकारियों ने कान्त एन्क्लेव के कुछ निर्माणों को तोड़ दिया जबकि सैकड़ों अवैध निर्माणों को छुआ तक नहीं और दर्जनों जगहों पर तो अब भी अवैध निर्माण जारी हैं। पाराशर ने कहा कि 11 सितम्बर से लेकर अब तक दर्जनों माफियाओं पर एफआईआर दर्ज हुई है को कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा अवैध निर्माण और अवैध खनन कर रहे थे।
पाराशर ने कहा कि 11 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा कि 18 अगस्त 1992 के बाद के के निर्माण को धवस्त करे क्योंकि वो अवैध निर्माण है लेकिन हरियाणा सरकार और कई विभागों के अधिकारी माफियाओं का साथ दे रहे हैं तभी अरावली पर अवैध निर्माण जारी हैं। पाराशर ने कहा कि इस मामले में हरियाणा सरकार और फरीदाबाद के कई विभाग के अधिकारी उतने ही दोषी हैं जितने माफिया इसलिए मैं प्रयास करूंगा कि कई विभागों के अधिकारियों को भी कोर्ट में तलब किया जाए और हरियाणा के मुख्य सचिव पर भी कार्यवाही की जाए।
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