चंडीगढ़: कुरुक्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय पहचान महाभारत से है जहाँ सत्ता के लिए हजारों साल पहले चचेरे भाइयों ने एक बड़ा युद्ध लड़ा था। एक तरफ कौरव, दूसरी तरफ पांडव ये सब एक ही परिवार के थे। हजारो साल पुराना इतिहास 2019 के लोकसभा चुनावों में दोहराया जा सकता है। हरियाणा की एक बड़ी पार्टी इनेलो में सत्ता के लिए चौटाला परिवार आपस में ही बंट गया। इनेलो से जजपा का जन्म हुआ और जजपा की कमान दुष्यंत चौटाला ने संभाल ली जबकि इनेलो की कमान उनके चाचा श्री अभय चौटाला के पास है।
अभय चौटाला ने यहाँ ने अपने पुत्र अर्जुन चौटाला को मैदान में उतार दिया है। जजपा यहाँ से दिग्विजय सिंह चौटाला को मैदान में उतार सकती है। अगर ऐसा हुआ तो हजारों साल वाला महाभारत का इतिहास यहाँ दोहराया जा सकता है। भाई-भाई में जंग हो सकती है। दिग्विजय सिंह चौटाला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र से अर्जुन चौटाला के उतरने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वो खुद कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।
आपको बता दें कि कुरुक्षेत्र से 2014 में भाजपा के राजकुमार सैनी सांसद बने थे लेकिन उन्होंने भाजपा से बगावत कर नई पार्टी बना ली जसके बाद भाजपा ने यहाँ से नायाब सिंह सैनी को मैदान में उतार दिया। यहाँ से नवीन जिंदल मजबूत उम्मीदवार थे लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। कांग्रेस अब भी उन्हें मना रही है लेकिन वो मान ही नहीं रहे हैं। ऐसे में कई पार्टियां यहाँ से बड़ा मौका देख रहीं हैं। इनेलो ने अर्जुन को उतारा तो जजपा अब यहाँ से दिग्विजय को उतार सकती है।
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