कुरूक्षेत्र राकेश शर्मा : हरियाणा की राजनीति में कब उंट किस करवट में बैठ जाए कोई नही जानता इसलिए यहां की राजनीति सबसे अलग है। भले ही चुनावी जंग को जितने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने अपने उम्मीदवार लोकसभा रण में उतार दिये है। हरियाणा में नामंकन की अंतिम तिथि 23 अप्रैल है जिससे एक दिन पहले पूरी कसमकस के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने पूरे समीकरणों को ध्यान में रखकर अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर दिये है। इस दौरान मुकाबला ओर भी दिलचस्प बनता दिखाई दे रहा है क्योंकि अब की बार बडे बडें धुरंधर मैदान में है जिनकी साख भी दाव पर लगी है और साख बचाने के सभी उम्मीदवार अपना पसीना बहा रहे है। भजपा मोदी के नाम पर वोट मांग रही तो कांग्रेस न्याय के नाम पर जनता को अपनी हितेषी मान रहे है। लेकिन इन सबके बीच कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर पैनी नजर है राजनीतिक दलों ने 2019 मे जो लोकसभा उमीदवार तय किये है उसमें दो जाट, दो सैनी ओर एक ब्रहामण उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है। कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर आठ बार कांग्रेस का कब्जा रहा है।
साल1957 में कांग्रेस से मूलचंद जैन, साल 1962 में कांग्रेस के डीडी पूरी, साल 1967 में कांग्रेस के गुलजारी लाल नंदा, साल 1971 में कांग्रेस के गुलजारी लाल नंदा, साल 1977 में जनता पार्टी के रघुबीर सिंह विर्क, साल 1980 मे जनता पार्टी मनोहर लाल सैनी, 1984 कांग्रेस के सरदार हरपाल सिंह , साल 1989 जनता दल से गुरदयाल सिंह सैनी, 1991 में कंाग्रेस सरदार तारा सिंह, साल 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर ओमप्रकाश जिंदल, साल 1998 में इंडियन नैषनल लोकदल से कैलाशो सैनी, साल 2004 व 2009 में कांग्रेस की टिकट पर नवीन जिंदल ने चुनाव लड़ा ओर जीत हासिल की। लेकिन साल 2014 में भाजपा की टिकट पर राजकुमार सैनी ने जिंदल को हरा कर कुरूक्षेत्र की सीट भाजपा के खाते मे डाल दी। कुरूक्षेत्र लोकसभा में नौ विधानसभा क्षेत्र आते है रादौर, लाडवा, शाहाबाद, थानेसर, पेहवा, कलायत, कैथल, गुहला चीका व पूण्डरी । हर विधानसभा क्षे़त्र का अपना अपना जातिया समीकरण है।
किस किस राजनीतिक दलों ने कुरुक्षेत्र लोकसभा में उतारे उम्मीदवार------
1
भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा सरकार मे राज्यमंत्री नायब सैनी को मैदान में उतारा हैं। नायब सैनी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटर के नजदीकी मानें जाते है और बताया जाता है कि सैनी ने लगभग दस वर्श से ज्यादा संघ के प्रचार व प्रसार करने के रूप में कार्य किया है। जिसके कारण उन्हे मेहनत और ईमानदारी का तोहफा भाजपा ने कुरूक्षेत्र लोकसभा से नायब सैनी को मैदान में उतार कर दिया है । कुरूक्षेत्र लोकसभा में सैनी मतदाता लगभग एक लाख के करीब माने जाते है।
2
कांग्रेस पार्टी ने नग्गल से विधायक व पूर्व मंत्री निर्मल सिंह पर दांव खेला है। निर्मल सिहं अम्बाला कैन्ट से सक्रिय नेता माने जाते है वर्श 1996 में निर्मल सिंह जेल में रहते हुए चुनाव जीते थे ओर चार बार विधायक रहे है। निर्मल सिंह जट सिक्ख समुदाय के नेता भी है । कांग्रेस पार्टी ने कुरूक्षेत्र से दो बार रहे सांसद नवीन जिंदल के चुनाव मे ंना उतरने के बाद इस सीट पर जाट समुदाय की अधिक वोट होने के कारण निर्मल ंिसह को चुनाव मैदान में उतारा है ताकि वह जाट समुदाय की वोट कांग्रेस के पक्ष में डलवाने के लिए कामयाब हो सके। वैसे तो राजनीतिक चाणक्याकरांे की मानें तो कुरूक्षे़त्र में कांग्रेस की स्थिति ठीक ठाक ही है। हरियाणा में गुटबाजी हावी नही हुई तो कांग्रेसी प्रत्याषी फाईट कर सकते है।
3.
इडियन नैशनल लोकदल ने अपना उम्मीदवार अभय सिंह चैटाला के सपुत्र अर्जून चैटाला को मैदान में उतारा है। इससे पहले अभय सिंह चैटाला ने 2004 के चुनावों में कुरूक्षेत्र लोकसभा की सीट से अपनी किस्मत अजमाई थी लेकिन जनता ने उन्हंे नकार दिया था। 15 वर्श बाद फिर चैटाला परिवार कुरूक्षे़त्र लोकसभा सीट से अर्जुन चैटाला को चुनाव मैदान में उतारकर अजमाने में लगा हुआ है।
4
आप व जजपा के सयुंक्त उम्मीदवार जय भगवान षर्मा इससे पहले कांग्रेस के जिला प्रधान के रूप मंे कार्य कर रहे थे लेकिन 2014 के विधानसभा के चुनाव के दौरान कांग्रेस का टिकट ना मिलने के कारण भारतीय जनता पार्टी में अपनी आस्था जताई और पेहवा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लडा लेकिन चुनाव हार गयंे। चुनाव की पीढा व पार्टी के आपसी मतभेद के कारण उन्होने जननायक जनता पार्टी का दामन थाम लिया व पिछले काफी समय से पार्टी में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे इस बात के कायस पहले ही लगाये गये थे कि जजपा उन्हे अपना उम्मीदवार बनाएगी लेकिन इस पर मोहर सोमवार को लगी। जिससे ब्राहम्ण समुदाय में काफी खुषी की लहर देखी जा रही है। जजपा व आप पार्टी मे जाट बहुमुल्य की वोट भी जयभगवान के पक्ष में डल सकती है क्योंकि जजपा प्रत्याषी थानेसर से सक्रिय है।
5
बसपा व लोसपा के सयुंक्त उम्मीदवार षषी सैनी को अपना उम्मीदवार बनाया है इससे पहले षषी सैनी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड चुकी है। षषी सैनी ने बसपा की टिकट पर चुनाव लडा था लेकिन उसको हार का सामना करना पडा था सैनी इस बार पहली बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रही है।
अब देखना होगा कि कुरूक्षेत्र की जंग में कौन किस पर भारी होगा कौन सा उम्मीदवार धर्मनगरी को जीत पाएगा ये तो समय ही बताएगा। जनता अब फैसला करेगी कि किस उम्मीदवार को कुरूक्षेत्र की जनता दिल्ली की संसद तक पहंुचाएगी।
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