23 अप्रैल 2019 : स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि वे वर्षो से हरियाणा की राजनीति व वोटिंग पैटर्न पर नजर रखते आये है। जो लोग यह दावा कर रहे है कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की गुटबाजी से कांग्रेस उम्मीदवारों का नुकसान हो सकता है, मेरी नजरों में उनके दावे हवा-हवाई है। विद्रोही नेे कहा कि विधानसभा चुनावों में तो हरियाणा कांग्रेसियों ने हर चुनाव में प्रतियोगिता रही है, पर लोकसभा चुनावों में इक्का-दुक्का क्षेत्रों की निजी टकराहट को छोड़कर कभी कांग्रेस में गुटबाजी नही रही है और हमेशा कांग्रेसी एकजुटता के साथ पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करवाते आये है। यह कटु सत्य है कि उम्मीदवारों की उपेक्षा के कारण कई कांग्रेसी लोकसभा चुनावों में इतने सक्रिय नही रहते है, जितना उनको होना चाहिए।
विद्रोही ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है, जिसके सकारात्मक परिणाम कांग्रेस के पक्ष मेें आने तय है। सभी वरिष्ठ कांग्रेसियों के चुनावी मैदान में होने से स्वयं उनकी प्रतिष्ठा व भविष्य की राजनीति दांव पर है। ऐसी स्थिति में कोई भी कांग्रेसी उम्मीदवार यह रिस्क नही लेगा कि उनके समर्थक किसी अन्य लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेसी उम्मीदवार के खिलाफ खड़ा हो। वहीं हर कांग्रेसी उम्मीदवार अपनी प्रतिष्ठा के लिए सभी गुटों के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर समन्वय करके चुनाव लड़ रहे है जो कांग्रेस के लिए और भी अच्छे संकेत है। विद्रोही ने कहा कि मेरा निजी आंकलन है कि इस बार लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहेगा और कांग्रेस 5 से 6 सीटे जीतती नजर आ रही है जबकि भाजपा 4 से 5 सीटे ही जीतती नजर आ रही है।
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