चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस के पास अब भी उम्मीदवारों का टोटा है। शायद यही कारण है कि कांग्रेस चार सीटों पर अभी तक उम्मीदवार नहीं उतार पाई है और जहाँ उतारे भी हैं वहां फरीदाबाद सहित कई सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार अभी तक अपनों से ही लड़ रहे हैं, अपनों के ही पैर पकड़ रहे हैं, उन्हें मना रहे हैं और इसी में उनका समय खराब हो रहा है। कांग्रेस हाईकमान भी ज्यादा मजबूत नहीं है वरना किसी की क्या मजाल जो अपनों पर सवाल उठाता? चार सीटों की बात करें तो हाईकमान अब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जबरन सोनीपत से मैदान में उतारना चाहता है। हुड्डा अब भी चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं।
कुरुक्षेत्र की बात करें तो इस बार कांग्रेस वहां से सीट निकाल सकती थी लेकिन नवीन जिंदल ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। हरियाणा अब तक ने अपने पाठकों से दो हफ्ते पहले बता दिया था कि जिंदल चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। उन पर किसी का भारी दबाव है और दबाव किसने डाला ये हरियाणा अब तक को अपने सूत्रों से पता चल चुका है लेकिन बिना सबूत हम ये खुलासा नहीं करना चाहते। आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांप वाले उर्फ़ गुप्ता जी ने कांग्रेस को घेरते हुए एक दिन पहले कहा था कि हरियाणा में राहुल गांधी वाले कांग्रेस नहीं है। कहीं हुड्डा कांग्रेस है तो कहीं तंवर कांग्रेस तो कहीं सुरजेवाला कांग्रेस तो कहीं सैलजा कांग्रेस, लग भी यही रहा है।
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