नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनावों में सबसे धारावाहिक जो मनोरंजक कहा जा रहा है वो है आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संभावित गठबंधन का जिसमे कभी हाँ तो कभी ना देखा जा रहा है। हर रोज इस गठबंधन के चर्चे किसी मनोरंजक धारावाहिक की तरह होते रहते हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली ही नहीं हरियाणा में भी ये गठबंधन हो सकता है लेकिन अगर ये गठबंधन हुआ तो केजरीवाल की कुछ मुसीबतें बढ़ने वाली हैं क्यू कि बीजेपी ने उन्हें खुली धमकी दे दी है जिसका कहना है कि अगर केजरीवाल ने कांग्रेस से गठबंधन किया और सिखों ने उनके साथ कुछ गलत किया तो उसके जिम्मेदार हम नहीं होंगे।
कल एक प्रेस वार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री आर. पी. सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने आम आदमी पार्टी को याद दिलाया कि 2015 के घोषणा पत्र में आम आदमी पार्टी ने लिखा था कि हम भरोसा दिलाते हैं कि सिख कत्लेआम में कांग्रेस के जितने भी बड़े-बड़े नेता लिप्त थे, उन सबको सजा दिलाएंगे, मगर आज गठबंधन के लिए वह उसी कांग्रेस के दरवाजे पर कटोरा लिए खड़ी है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि एक तरफ AAP द्वारा अपने 2013, 2014 और 2015 के घोषणा पत्रों में दिल्ली के सिखों से किये गए वादे कि यदि वो सत्ता में आते हैं तो 1984 के नरसंहार के दोषी कांग्रेस के नेताओं को जेल में डाल कर सिखों को समुचित न्याय देने का काम करेगें और आज दूसरी तरफ उसी कांग्रेस के सामने गठबंधन के लिए..
भाजपा नेताओं का कहना है कि केजरीवाल का गिड़गिड़ाना ये दर्शाता है कि AAP की कथनी और करनी में फर्क है और केजरीवाल बहुत बड़े सिख समाज के विरोधी हैं। बीजेपी के नेताओं ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हुआ और उसके बाद अरविंद केजरीवाल गलती से भी किसी सिख बहुल इलाके में गए, तो फिर उनके साथ जो कुछ भी होगा, उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे।
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