चंडीगढ़/फरीदाबाद: हरियाणा कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की आज खास बैठक संपन्न हुई जिसमे लोकसभा उम्मीदवारों के नामों के बारे में मंथन हुआ। माना जा रहा है कि कई नामों में आम सहमति बन चुकी है। इसके लिए एक पैनल बनाया गया है और आम सहमति से चुने गए उम्मीदवारों के नामों को सीईसी की बैठक में रखा जाएगा जिसमे बाद ये नाम सार्वजनिक किये जाएंगे। सीईसी की बैठक 11 अप्रैल को होनी है जिस दिन कांग्रेस सभी उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक कर सकती है। फरीदाबाद से दो तीन नेता टिकट का प्रयास ज्यादा कर रहे हैं जिनमे पलवल के विधायक करण सिंह दलाल, पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह और पूर्व सांसद अवतार भड़ाना प्रमुख हैं। इनमे से किसी एक को कांग्रेस की टिकट मिल सकती है। फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से किसी भी कांग्रेसी नेता को टिकट मिले इस बार उसे पिछली बार से ज्यादा वोट मिल सकते हैं।
इसके कई कारण हैं और एक प्रमुख कारण ये है कि फरीदाबाद कांग्रेस की गुप्त बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले में ये कहा गया है कि हम पिछली गलती ( 2014 ) को नहीं दोहराएंगे। सूत्रों की मानें तो कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि पिछले लोकसभा चुनावों में हमने जो गलती की उसका खामियाजा हमें विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ा और हमने फरीदाबाद शहरी, एनआईटी, बड़खल, बल्लबगढ़, पृथला जैसी सीटें छिन गईं। नाम न छापने की शर्त पर एक बड़े कांग्रेसी नेता ने बताया कि 2014 में फरीदाबाद के कई बड़े कांग्रेस नेता अवतार सिंह भड़ाना से नाराज थे और लोकसभा चुनावों में अधिकतर कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा का साथ दिया और अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा के साथ लगा दिया जिस कारण भाजपा को लोकसभा चुनावों में हर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीद से ज्यादा वोट मिले। इसके बाद जब विधानसभा चुनाव हुए तो हमारे कार्यकर्ता वापस हमारे पास नहीं आये और भाजपा के ही होकर रह गए और इस कारण फरीदाबाद के कई बड़े कांग्रेसी नेताओं को हार का मुँह देखना पड़ा।
उनका कहना था कि हमने उस समय बहुत बड़ी भूल की थी जिसे हम सब इस बार नहीं दोहराएंगे। जिसे भी कांग्रेस लोकसभा का टिकट देगी उसका दिल से साथ देंगे और अपने कार्यकर्ताओं को भटकने नहीं देंगे। अगर कांग्रेसी नेता की ये बात सत्य साबित हुई तो इस बार भाजपा की राह उतनी आसान नहीं रहेगी क्यू इस बार फरीदाबाद के कई भाजपा नेता भी अपनी पार्टी का दिल से शायद ही साथ दें। इन नेताओं के कारनामे जगजाहिर हो चुके हैं। पलवल क्षेत्र के एक बड़े भाजपा नेता की बात से आज लगा कि वो अपनी पार्टी के नेता से बहुत नाराज हैं। पिछली बार उन्होंने भाजपा की टिकट माँगी थी जिनका कहना है कि टिकट नहीं मिली कोई बात नहीं, मैं भाजपा का सिपाही हूँ और मैंने भाजपा का साथ दिया था लेकिन उसके बाद मैंने वर्तमान सांसद को कई बार फोन किया और दुःख की बात ये है कि उन्होंने एक बार भी हमारा फोन रिसीव नहीं किया इसलिए ? उनकी नाराजगी देख लगता है अपनी पार्टी के नेता से नाराज भाजपा नेताओं की सख्या भी इस बार बढ़ गयी है। भाजपा उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर को इस बार जमकर पसीना बहाने की जरूरत है क्यू कि हमारे सूत्र 10 फीसदी गलत हो सकते हैं 90 फीसदी सूत्र सच साबित होते हैं।
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