नई दिल्ली: देश के कुछ लोग आजकल एक अजीब बात कर रहे हैं। कई लोकसभा क्षेत्रों में कुछ लोग अपने सत्ताधारी प्रत्याशी से नाराज हैं। ये लोग ऐसी बातें कर रहे हैं कि मीडिया वाले भी सिर खुजलाने लगते हैं। मीडिया के सामने लोग अपने सत्ताधारी पार्टियों के उम्मीदवारों से जमकर नाराजगी दिखाते हैं कहते हैं कि उन्होंने कोई काम नहीं किया है लेकिन साथ में ये भी कहते हैं कि हम वो अपने प्रत्याशी को नहीं मोदी को देंगे। यानी ऐसे प्रत्याशियों की चिट भी उनकी पट भी उनकी क्यू कि अगर नाराज वो मोदी को वोट देंगे और कमल के फूल पर बटन दबाएंगे तो उनके क्षेत्रों में वो तो उन्हें ही मिलेगा।
जो नेता 2014 में पहली बार सांसद बनें थे उन्हें इस बार एक बड़ा अनुभव हो रहा है। जनता की नाराजगी से उन्हें बड़ी सीख मिल रही है और इस बार वो जीते तो वो कमी पूरी कर सकते हैं। ऐसे बहुत सांसद है जो पिछली जीत के बाद पूरे पांच साल में अपने पूरे क्षेत्र में नहीं पहुंचे और अब फिर वोट मांगने जा रहे हैं तो उन्हें वहां की जनता की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। संभव है कई नेता इस बार भी सांसद बन जाएँ लेकिन ध्यान रखें कि पिछली वाली गलती वो नहीं दोहराएंगे वरना जरूरी नहीं कि हर बार मोदी के नाम पर ही उन्हें जीत मिले।
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