नई दिल्ली: इनेलो से पैदा हुई जजपा आज आम आदमी पार्टी से गठबंधन करेगी। इस पर बातचीत कल ही हो चुकी है आज इसकी घोषणा की जा सकती है। दुष्यंत चौटाला ने जब जजपा बनाई थी उन्हें इनेलो से ज्यादा पसंद किया जा रहा था लेकिन अब नहीं इसका प्रमुख कारण है आम आदमी पार्टी से समझौता करना। हरियाणा अब तक ने का ऑनलाइन सर्वे किया था कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन कर दुष्यंत चौटाला मजबूत होंगे या कमजोर तो अधिकतर लोगों ने कहा कमजोर होंगे। लोगों ने कहा कि दुष्यंत चौटाला आम आदमी पार्टी से गठबंधन कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारेंगे।
कुछ लोगों ने लिखा कि दिल्ली छोड़कर केजरीवाल का कहीं भी अब कोई जनाधार नहीं रहा। केजरीवाल को टुकड़े गैंग का समर्थक बताया गया जो जेएनयू देशद्रोह के मामले में आरोपियों को बचाने में जुटे हैं और पुलिस द्वारा फ़ाइल चार्जशीट पर दिल्ली सरकार अब तक हस्ताक्षर नहीं कर रही है। केजरीवाल ने सबसे पहले सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत माँगा, एयर स्ट्राइक का सबूत माँगा। कई ऐसे कारण हैं जिस वजह से दिल्ली के बाहर की जनता केजरीवाल को नहीं पसंद करती। कांग्रेस ने के पीछे महीनों पड़े रहने के बाद भी कांग्रेस ने केजरीवाल से गठबंधन नहीं किया लेकिन दुष्यंत चौटाला ने फ़टाफ़ट कर लिया।
सर्वे पर जिस तरह की प्रतीतियाएँ आईं और आ रहीं हैं उसे देख लग रहा है कि लोकसभा चुनावों में ये गठबंधन कुछ खास नहीं कर पायेगा। दुष्यंत चौटाला को अपनी सीट पर जीत के लिए बहुत पसीना बहाना पड़ेगा। लोगों का कहना है कि दुष्यंत को इस गठबंधन से नुकशान होगा। उन्हें अकेले लड़ना चाहिए। लोग गठबंधन को जीरो सीट दे रहे हैं। कल के सर्वे की कुछ प्रतिक्रियाएं। ज्यादा प्रतिक्रियाओं के लिए हमारे हरियाणा अब तक फेसबुक पेज पर जाएँ।
इस गठबंधन के बारे में सूत्रों की मानें तो 6-4 पर बात बनी है। जजपा 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतरेगी, आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर, जजपा के पास तो 6 उम्मीदवार मिल जाएंगे लेकिन आम आदमी पार्टी के पास अब तक किसी भी जिले में कोई जिताऊ उम्मीदवार नहीं है। बड़ी पार्टियों के बागी नेताओं पर आम आदमी पार्टी की नजर है।
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