नई दिल्ली: चंडीगढ़: हरियाणा दिल्ली के कई उन नेताओं के लिए बुरी खबर आ सकती है जो आम आदमी पार्टी के हैं, जजपा के हैं और कांग्रेस के हैं। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी, जजपा और कांग्रेस का गठबंधन हो सकता है जिसके बाद आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं के लिए बुरी खबर ये होगी कि उनसे टिकट वापस ले लिया जाएगा क्यू कि गठबंधन के बाद कांग्रेस भी अपने कुछ उम्मीदवार दिल्ली से उतारेगी जबकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर बहुत पहले उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
गठबंधन होता है तो घोषित कुछ उम्मीदवारों को केजरीवाल बैठने के लिए कह सकते हैं। हरियाणा में भी तीनों पार्टियों का गठबंधन संभव है ऐसे में उन नेताओं के लिए बुरी खबर होंगे जो जजपा की कई सीटों के लिए इधर उधर भाग रहे हैं। गठबंधन के बाद कांग्रेस ज्यादा सीटों पर लड़ेगी, जजपा कम पर एक कम से कम एक सीट आम आदमी पार्टी को भी दी जा सकती है ,जजपा के विभिन्न नेता 10 सीटों से चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं उनके कइयों के सपने टूट जाएंगे।
सूत्रों की मानें तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, प्रदेश प्रभारी आप नेता गोपाल राय, आप के हरियाणा प्रदेश संयोजक नवीन जयहिंद से जेजेपी नेता केसी बांगड़ ने भी विचार-विमर्श किया है ।
जेजेपी सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी की नजर अभी कांग्रेस नेताओं के अंतिम निर्णय पर लगी है। कांग्रेस यदि दिल्ली के साथ हरियाणा में समझौता नहीं करते तो आप-जेजेपी गठबंधन हरियाणा की दस सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करेगा। कहा जा रहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 सीट पर कांग्रेस 3 सीट पर चुनाव लड़ेगी, हरियाणा में कांग्रेस 6 सीटों पर जजपा तीन सीटों पर और आम आदमी पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। बात बन चुकी है। राहुल गांधी केरल से वापस आकर इस गठबंधन पर मुहर लगा देंगे। कल हरियाणा के वरिष्ठ भाजपा नेता जवाहर यादव ने भी कुछ ऐसा ही इशारा किया था। हरियाणा में जजपा सिर्फ तीन सीटों पर लड़ती है तो 7 अन्य सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे नेताओं के अरमानों पर पानी फिर जाएगा। कांग्रेस ने 6 उमीदवार मैदान में उतार दिए हैं। चार सीटों पर अभी तक पेंच फंसा है। समझौता होता है तो इन चार सीटों पर एक पर आप और तीन पर जजपा के उम्मीदवार मैदान में होंगे।
जजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की लिस्ट नहीं जारी की है इसका एक बड़ा कारण ये संभावित गठबंधन है।
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