नई दिल्ली: दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जल्द कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतार सकती है। कल दिन भर आप से गठबंधन के प्रयास अब लगभग ख़त्म हो गए हैं। हरियाणा अब तक को अपने खास सूत्रों से पता चला है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस को दिल्ली में दो सीटें देना चाहती चाहती है और खुद पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है जिस कारण कांग्रेस अब आप से दूर भागने लगी है। कांग्रेस कम से कम तीन सीटें चाहती है।
कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद 'आप' के प्रस्ताव पर गठबंधन के लिए साफ मना कर दिया। वहीं देर शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ आप के शीर्ष नेताओं की बैठक में भी कांग्रेस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच गुरुवार को कोई बैठक भी नहीं हुई है। अभी तक केजरीवाल की डिमांड थी कि हरियाणा में भी कांग्रेस आप से गठबंधन करे लेकिन हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेताओं को ये बात हजम नहीं हुई। हरियाणा के तमाम बड़े कांग्रेसी नेताओं ने आप से गठबंधन को मना कर दिया।
दूसरे राज्यों में गठजोड़ नहीं करने की सूरत में दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ 2 सीट देना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के इस फॉर्मूले पर तैयार नहीं होने और कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको के बयान के बाद गुरुवार को केजरीवाल ने पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। इसमें तय हुआ कि दिल्ली में सिर्फ 5-2 पर ही गठबंधन होगा। इससे कम सीटों पर कोई बात नहीं बनेगी। कांग्रेस इस फार्मूले को नकार रही है। इसके बाद माना जा रहा है कि गठबंधन की सभी उम्मीदें लगभग खत्म हो गई हैं। बाद में पीसी चाको ने कहा कि हम सातों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर रहे हैं। शुक्रवार को इसकी घोषणा कर दी जाएगी। इस संभावित गठबंधन में लगभग शब्द का कई हफ़्तों से अब तक प्रयोग हो रहा है। लगभग का मतलब संभावनाएं समाप्त नहीं हुई हैं ? कल का इंतजार करें
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