नई दिल्ली/कानपुर: नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज दोपहर देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मंत्री परिषद के सदस्य, विदेशी दूतावासों के प्रमुख, सांसद और शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल होंगे। नए राष्ट्रपति कोविंद संसद को संबोधित भी करेंगे। केंद्रीय कक्ष में समारोह के बाद कोविंद राष्ट्रपति भवन रवाना होंगे, जहां उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाएगा। कोविंद के राष्ट्रपति की शपथ लेते ही उनके गांव सहित देश में भर में जश्न मनाने की तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के गांव परौंख को दुल्हन की तरह सजाया गया है। मालुम हो कि ये वही गांव है जहां देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बचपन ही नहीं बीता बल्कि उनकी उम्र के अधिकतर साल यहाँ बीते।
राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद रामनाथ कोविंद ने अपने पहले सम्बोधन में कहा था कि बचपन में वो एक कच्चे मकान में रहते थे जिसका छत फूस का था और बारिश के दौरान जब छत टपकने लगता था तो वो अपने परिजनों संग खड़े होकर बारिश बंद होने का इन्तजार करते थे। कोविंद का बचपन उनके गांव में ही बीता, पांचवीं तक की पढाई उन्होंने गांव में ही की। उनके साथ पढ़ने वाले उनके बचपन के दोस्त विजय पाल सिंह ने बताया कि कोविंद और वो बचपन में आम बिनने जाते थे, उन्हें आम बहुत पसंद था। स्कूल जाते वक्त दोनों दोस्त खेत से गन्ने तोड़कर चूसते थे। एक बार गन्ने के चक्कर में लड़ाई हो गई थी तो कोविंद ने सभी को समझाकर मामला शान्ति करवा दिया। विजयपाल ने बताया कि कोविंद का घर कच्चा था इसलिए वो अधिकतर उनकी छत पर सोते थे। जब आम का सीजन आता था तब रात में उठकर दोनों दोस्त आम बिनने निकल जाते थे। विजय पाल सिंह के मुताबिक कोविंद पढ़ने में काफी तेज थे और कभी किसी से लड़ाई नहीं करते थे। विजय पाल ने बताया कि आठवीं तक दोनों दोस्त एक साथ पढ़े थे। राष्ट्रपति कोविंद के दोस्त ने खोला उनके बचपन के राज
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