नई दिल्ली/पटना: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने दो टूक कह दिया है कि उनके पुत्र बिहार के उप मुख्यमंत्री स्तीफा नहीं देंगे। लालू ने एक तरह से नितीश को चुनौती दी है कि तेजस्वी स्तीफा नहीं देंगे नीतीश को जो करना है कर लें। नीतीश इस समय असमंजस में होंगे, तेजस्वी को बर्खाश्त करें या अपनी सरकार बचाएं या फिर विपक्ष की आलोचनाओं के तीर झेलें। अगर तेजस्वी पद पर बने रहते हैं तो नीतीश को विपक्ष के तीर झेलने पड़ेंगे क्यू कि तेजस्वी पर गंभीर आरोप लगे हैं। बेनामी सम्पत्तियों के मुद्दे पर तेजस्वी की देश भर में फजीहत हो रही है।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकार की भ्रष्टचार विरोधी छवि बरकरार रखना चाहते हैं। वह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मंत्रिमंडल से बर्खाश्त करने के पक्ष में हैं। जदयू कह चुकी है कि तेजस्वी को जनता की अदालत में खुद का पक्ष रखना चाहिए। यहां गौर करने वाली बात है कि दोनों दलों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ तीखे बोल बोल रहे हैं। राजद के एक विधायक ने चेताया था कि उनके पास 80 विधायक हैं, जो चाहे करेंगे। इसके जवाब में जदयू ने कहा कि नीतीश और जदयू के लिए सत्ता महत्वपूर्ण नहीं है। आने वाले एक दिनों में साफ़ हो जायेगा कि नीतीश-लालू का गठबंधन रहेगा या जाएगा।
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