नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर बड़े बहस छिड़ गई है, कुछ लोगों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा के समय जिस बस पर आतंकवादियों ने हमला किया उसे सलीम शेख नहीं हर्षल देसाई चला रहा था। सलीम ने खुद बयान दिया है कि जब सामने से गोलियां चल रहीं थीं तो वो नीचे झुक गया था और हर्ष भाई ने कहा कि बस रोको मत चलते रहो, अगर सलीम बस चला रहा था तो उसे कोई गोली क्यू नहीं लगी जबकि कई यात्रियों को गोलियां लगीं जिनमे सात यात्रियों की मौत हो गई। सलीम का कहना है कि हर्ष भाई क्लीनर वाली सीट पर बैठे थे और मेरा साहस बढ़ा रहे थे कि बस चलाते रहो।
लोगों का कहना है कि सलीम जब नीचे झुक गया तब बस को हर्ष ने आगे बढ़ाया और इसी वजह से उन्हें गोलियां भी लगीं जबकि सलीम नीचे झुक गया और साफ़ बच गया। एक खबरिया पोर्टल की मानें तो पचास यात्रियों की जान बचाने वाला सलीम नहीं हर्ष देसाई है। खबर के मुताबिक़ जिस बस पर हमला हुआ वो बस भी हर्ष की ही थी। अब सच क्या है-गलत क्या है ये तो बाद में पता चलेगा लेकिन एक बात सच जरूर है वो ये है कि हमले में मारे गए श्रद्धालुओं की बात न कर कई नेता सलीम के ही गुणगान गा रहे हैं। इन नेताओं में अधिकतर सेकुलर नेता हैं जिन्हे सात लोगों की मौते नहीं दिख रहीं हैं, दर्जनों घायलों की पीड़ा नहीं समझ पा रहे हैं बस सलीम का गुणगान गाये जा रहे हैं।
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