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अख़बार की खबर गलत थी, हरियाणा में नहीं हुआ धान घोटाला, काम्बोज

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चंडीगढ़, 15 जून- हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री श्री कर्ण देव काम्बोज ने एक हिन्दी समाचार पत्र में उनके नाम से प्रकाशित धान घोटाले के समाचार का खण्डन किया है और इसे तथ्यहीन तथा बेबुनियाद बताया है।  
    आज यहां जारी एक वक्तव्य में श्री काम्बोज ने कहा कि या तो उक्त संवाददाता को मंडियों में खरीद प्रक्रिया के बाद चावल मिलों को आवंटित किए जाने वाले धान के बारे पुख्ता जानकारी नहीं है या उसने तथ्यों की पुष्टिï किए बगैर ही समाचार प्रकाशित करवा दिया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह समाचार उनकी छवि को धूमिल करने के लिए  राजनीति द्वेषता से प्रकाशित किया गया हो, जो लोकतंत्र में सही नहीं है। लोकतंत्र में मीडिया का एक अहम रोल होता है, परंतु फिर भी एक संवाददाता को अपना समाचार प्रकाशित करवाने से पहले तथ्यो की पुष्टि करनी चाहिए। 

    उन्होंने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग विभिन्न सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा की जाने वाली खरीफ व रबी फसलों के खरीद प्रबन्धों को सुचारु रूप से चलाने व इसके उठान के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है। उन्होंने बताया कि हैफेड व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को 33-33 प्रतिशत, वेयर हाऊसिंग को 22 प्रतिशत तथा हरियाणा कृषि उद्योग के लिए धान की कुल आवक का 10 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया हुआ है।  
    उन्होंने कहा कि समाचार पत्र में जिस मील का वर्णन किया गया है वह मैसर्ज शांति एग्रो फूडर्ज प्राइवेट लि0 नीलोखेड़ी धान आवंटन के लिए हैफेड के कोटे में आती है, न कि उनके विभाग के अन्तर्गत। उन्होंने बताया कि इस मिल की सीएमआर क्षमता 10 मीट्रिक टन प्रति घंटे की है, जबकि मिल को 11435 मीट्रिक टन धान (कस्टम मिल्ड राइस)चावल निकालने के लिए दिया गया । मिल द्वारा सीएमआर का पूरा चावल निर्धारित अवधि में केन्द्रीय पुल के लिए दिया जा चुका है और सीएमआर का कोई भी बकाया मिल की तरफ नहीं है, जिसकी पुष्टि जिला प्रबन्धक, हेफैड तथा जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, करनाल द्वारा अधिकारिक दस्तावेजों के साथ की है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर धान का आवंटन बढ़ाने का काम सम्बन्धित जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला मिलिंग कमेटी की सिफारिश पर मुख्यालय द्वारा किया जाता है, जो इस मामले में भी किया गया। कमेटी द्वारा यह सिफारिश मण्डिय़ों में धान की अधिक आवक तथा मिल की क्षमता को देखकर मांग के बाद की जाती है जो मैसर्ज शांति एग्रो फूडर्ज प्राइवेट लि० नीलोखेड़ी को किया गया। 
    मंत्री ने बताया कि उक्त समाचार पत्र को भी अपने समाचार का खण्डन करने को लिखा गया, यदि वह ऐसा नहीं करता है तो वे कानूनी कार्यवाही करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। 
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