फरीदाबाद 3 मई 2017: फरीदाबाद में तमाम पुलिस अधिकारी आते जाते रहते हैं लेकिन ऐसे बहुत कम अधिकारी होते हैं जो जनता पर अपनी छाप छोड़ जाते हैं | लगभग एक डेढ़ साल से देखा जा रहा है कि फरीदाबाद में होने वाले अपराधों को बहुत जल्द सुलझा लिया जाता है जिसका श्रेय क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को जाता है | शहर के लगभग सभी क्राइम ब्रांच में युवाओं की टीम है और इस टीम का नेतृत्व राजेश चेची करते हैं | एसीपी राजेश चेची के बारे में जो जानकारी मिल सकी है उसके मुताबिक़ आधी रात को भी अगर उन्हें किसी अपराधी के बारे में कोई सूचना मिले तो तुरंत घर से निकल पड़ते हैं | क्राइम ब्रांच के कुछ अधिकारियों के मुताबिक़ किसी भी समय एसीपी साहब को किसी मामले के बारे में बताओ तो उनका कहना होता है मैं तुरंत आ रहा है वो समय कोई भी हो रात या दिन, वो सोते कब हैं कोई ठीक से नहीं बता सकता |
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक़ जब फोन करो दो बार से ज्यादा घंटी नहीं बजती है फोन उठा लेते हैं रात्रि के एक बजे हों या तीन, फरीदाबाद में आबादी के अनुरूप पुलिस कर्मियों की संख्या कम है ऐसे में कई कई पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिन रात ड्यूटी देनी पड़ती है ऐसे में एसीपी क्राइम ने अपने साथ शहर के युवाओं की एक बड़ी टीम बना ली है | सोशल मीडिया के माध्यम से बनाई गई इस टीम में अब तक लगभग एक हजार से ज्यादा युवा शामिल हो गए हैं जिनमे कई सामाजिक संस्थाओं के लोग भी हैं | फरीदाबाद में कहीं भी कोई अपराध होता है, सट्टेबाजी या अवैध शराब वगैरा बिकती है तो टीम के लोग एसीपी राजेश चेची को सोशल मीडिया के माध्यम से सूचित कर देते हैं और एसीपी चेची उस मामले को जल्द सुलझा भी देते हैं | कई बार एसीपी क्राइम सादे ड्रेस में मोटरसाइकिल से गलत काम करने वालों को दबोचने पहुँच जाते हैं और दबोच भी लाते हैं |
व्हाट्सएप पर सेफ एंड सेक्योर फरीदाबाद के नाम से टीम ग्रुप बनाये गए हैं और इस ग्रुप में लगभग हर दस मिनट बाद शहर के लोग कुछ न कुछ पोस्ट करते रहते हैं, कहीं गांजा शराब बिक रही है तो कहीं कोई जुआ खेल रहा है | सूत्रों की मानें तो बीते हफ्ते से अब तक इन ग्रुपों के माध्यम से कई दर्जन कारों से ब्लैक फिल्म हटवाई गई | वर्तमान समय में देखा जाता है कि कई पुलिस अधिकारी आराम करने के चक्कर में सोशल मीडिया के अच्छे ग्रुपों को भी छोड़कर भाग जाते हैं ताकि उनकी नींद में कोई विघ्न न डाल सके और वो चैन से सो सकें शहर जाए भाड़ में ऐसे में राजेश चेची के काम की जितनी सराहना की जाए कम होगी, काश शहर के दो चार पुलिस अधिकारी ऐसे ही सजग रहते तो शहर से अपराध नाम की चीज छू मंतर हो जाती |
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