चंडीगढ़ 9 अप्रैल : हरियाणा के फरीदाबाद जिले में बीके चौक पर करीब दो दर्जन से ज्यादा पत्नियों से पीडित पतियों ने महिलाओं के लिये बनाये गये कानूनों को महिलाओं द्वारा दुरूप्रयोग करने का अरोप लगाया है, जिसके विरोध में पीडित पतियों ने पूरे श्रंगार किये हुए एक महिला की शव यात्रा निकाली और फिर उसका दाह संस्कार भी किया, इतना ही नहीं इस दौरान पत्नियों से पीडित पतियों में से दो पतियों ने तो अपने सिर का मुंडन भी करवाया। पीडित पतियों की मांग है कि महिला थानों की तर्ज पर पत्नियों से पीडित पतियों के लिये भी पुरूष थाने खोले जायें, और महिला आयोग की तर्ज पर पुरूष आयोग का भी गठन हो। इस पूरे पुरूष विरोधी कनूनों के प्रदर्शन में पीडित पतियों के साथ महिला भी नजर आई है जो कि पुरूषों पर हो रहे अत्याचारों के लिये कानून की मांग कर रही हैं।
अभी तक आपने देखा और सुना होगा कि महिलायें अपनी सुरक्षा और हकों के लिये सडकों पर प्रदर्शन करती थी मगर आज फरीदाबाद में पहली बार उन्हीं महिलायों से परेशान यानि कि पत्नियों से परेशान पतियों ने बीके चौक पर पूरे श्रंगार से सुसज्जित एक महिला की शवयात्रा निकाली जिसपर महिलाओं के लिये बनाई गई आईपीएस धारा 498, 406 और 354 लिखी हुई थी, जिनका शवयात्रा के बाद दाहसंस्कार कर दिया गया और उसके बाद पत्नियों से पीडित पतियों ने मुडंन भी करवाया।
पीडित पतियों ने की माने तो महिलायें अपने द्वारा बनाये गये कानूनों का दुरूप्रयोग कर रही है, महिलाओं ने बहु गैंग बना लिया है जो कि शादी के बाद अपने पति पर कई धारायों लगाकर उनसे पैसे बसूलती हैं जिनसे अपने और अपने भाई बहन माता पिता का पेट भरती हैं, जिसके विरोध में उन्होंने पुरूष विरोधी कानूनों की शव यात्रा निकाली है उनकी मांग है कि पुरूषों के लिये भी पुरूष थाने बनने चाहिये जिससे पत्नियों से पीडित पति अपनी पत्नियों के खिलाफ केस कर सके और महिला आयोग की तर्ज पर पुरूषों के लिये भी पुरूष आयोग का गठन होना चाहिये, पत्नी से पीडित नरेश का कहना है कि उनकी 19 साल की बेटी है और उनकी पत्नी ने उनपर दहेज प्रथा का केस किया हुआ है, जो कि बेबुनियाद है। लोगों ने कहा कि कानून अँधा हो चुका है पुलिस पतियों की एक भी नहीं सुनती, झूंठे दहेज़ के मामले दर्ज करवा दिए जाते हैं, पूरे परिवार को जेल भिजवा देती हैं कुछ महिलाएं |
वहीं नरेश की बेटी महिमा की माने तो वो भी एक लडकी है जब वो महिला थाने में जाती है और बोलती है कि उनके पिता पर उनकी मां ने झूठा केस लगाया हुआ है तो उनकी सुनवाही नहीं की जाती है, इसलिये वो चाहती हैं कि बहुओं के लिये बनाये गये कानूनों में तब्दीली हो और पुरूषों के लिये भी कानून बनाये जायें।
वहीं पीडित पतियों की माने तो महिलों के लिये अनेकों कानून बनाये हुए है यहां तक जीव जंतु जानवरों के लिये भी कानून बनाये हुए है मगर पुरूषों के लिये कोई कानून नहीं है वो चाहते हैं कि पुरूषों के लिये भी कानून बने, वो आज भी पत्नी द्वारा डाले गये झूठे केस के चक्कर में हर महीने नासिक जाते हैं। वहीं बलवीर का कहना है कि वो अपनी पत्नी का पूरा ख्याल रखते थे उसके बाद भी उनकी पत्नी ने उनपर केस दर्ज करवाया हुआ है।
वहीं एक पीडित पति ने तो परेशान होकर एक साईकिल यात्रा निकाली हुई है जो कि पूरे एनसीआर के पीडित पतियों को जागरूक कर रहे हैं और उन्हें अपने हकों के लिये सडकों पर आने के लिये प्रेरित कर रहे हैं।
वहीं इस प्रदर्शन में पुरूषों का साथ दे रही है महिला अनुराधा भारद्धाज का कहना है कि 99 प्रतिशत महिला पुरूषों को झूठे मामलों में फंसा रही है इसलिये उनकी मांग है कि पुरूषों के लिये भी कानून बनाये जायें।
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