चंडीगढ़, 9 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश का किसान खुशहाल व प्रगतिशील होगा तो देश निरंतर खुशहाल बनेगा और देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। आज के युग में किसानों को आधुनिक तकनीक के साथ परम्परागत खेती व पैरी-अर्बन एग्रीकल्चर अवधारणा अपनाना समय की जरूरत है। हरियाणा सरकार ने इस कड़ी में 18 से 20 मार्च तक सूरजकुण्ड में दूसरे कृषि शिखर नेतृत्व सम्मेलन का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधान सभा के चल रहे बजट सत्र के दौरान विधानसभा में अपने कार्यालय से कृषि शिखर नेतृत्व सम्मेलन www.hryagrileaders.com का शुभारम्भ करने उपरांत बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि हरियाणा की सभी 108 मंडियों को मार्च, 2018 तक ई-राष्ट्रीय मंडी विपणन से जोड़ा जा रहा है। इस वर्ष अब तक 37 मंडियों को ई-राष्ट्रीय मंडी जोड़ा जा चुका है तथा अगले चरण में 17 मंडियों को जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में पहला दिन डेरी उत्पादकों पर केन्द्रित रहेगा, जिसमें जाने-माने प्रेरणा स्रोत दुग्ध क्षेत्र में आगे बढऩे के अपने अनुभव सांझे करेंगे। हरियाणा सरकार ने पहली बार देसी गाय का ए-2 दूध वीटा बूथों पर बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया है। इसी प्रकार, दूसरा दिन पैरी-अर्बन कृषि पर आधारित रहेगा। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा तथा गाजियाबाद की चार करोड़ जनसंख्या मार्केट के लिए उपलब्ध है, जो हरियाणा के किसानों के लिए एक अनुकूल स्थिति है। तीसरा दिन, जोखिम प्रबन्धन पर केन्द्रित रहेगा। कृषि बीमा योजना व अन्य जोखिम प्रबन्धन की योजना की जानकारी किसानों को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन में किसानों को लाने व ले जाने के लिए हरियाणा परिवहन की बसों की विशेष व्यवस्था की गई है तथा साथ ही कृषि विभाग द्वारा किसानों के रहने व खाने-पीने की भी व्यवस्था की जाएगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह मेला सुबह 8.00 बजे से आरंभ होगा और सायं 6.00 बजे तक चलेगा और उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे बढ़-चढक़र भाग लें और अपनी प्रगति व समृद्धि के नये-नये अनुभवों की जानकारी लें। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक कृषि प्रधान प्रदेश है। हम चाहते हैं कि प्रदेश का हर किसान प्रगतिशील बने और देश को खुशहाल बनाने के लिए अपना योगदान दें।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़, सहकारिता राज्य मंत्री श्री मनीष ग्रोवर, मुख्य सचिव श्री डी.एस. ढेसी, कृषि विभाग के प्रधान सचिव डॉ० अभिलक्ष लिखी के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थिति थे।
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