सूरजकुंड, १० फरवरी। बरसाने का मशहूर मयूर नृत्य और राधा कृष्ण की होली के समय की लीला ने आज सूरजकुंड मेंले को जहां स्नेह और प्रेम से रंग डाला वहीं एक भकितमय माहौल भी बना डाला। नृत्य की प्रस्तुती देने वाले कलाकारों कृष्ण कें वेष मेंं लेखराज शर्मा और राधा के वेष मेंं प्रथा गुप्ता की जुगलबंदी ने मनमोहक प्रस्तुति से लोगों को सराबोर कर दिया।
करीब १२ सालों से इस नृत्य को करने वाले लेखराज सूरजकुंड मेंले में आठ सालों से आ रहे हैं। उन्होंंने बताया कि वे चरकूला आर्टस के बैनर तले पं० मुरारी लाल शर्मा के सानिध्य में वे इस कला को आगे बढा रहे हैं।
यह नृत्य बरसाने का मशहूर नृत्य है। जब राधा रानी मयूरों की तरफ आकर्षित हो उठती हैं तो भगवान श्री कृष्ण स्वयं मोर का वेष धारण कर मयूर नृत्य करते हैं। तब से ही यह नृत्य किया जा रहा है। उन्होंंने बताया कि वे अब तक करीब ८ देशों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं।
राधा के कलाकार के रूप में प्रथा गुप्ता ने बताया कि वे स्नातक की छात्रा हैं और उनको इसका बचपन से ही शौक है। वे पहली बार सूरजकुंड मेंले में प्रस्तुति देने आई हैं। इस नृत्य मेंं बांके बिहारी शर्मा ने अपने संगीत से मंत्र मुगध किया।
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