नई दिल्ली: जल्द कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री एक बड़े लफड़े में फंसते दिख रहे हैं । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा ही अपनी पार्टी की साफ छवि को लेकर तारीफ करने से नहीं चूकते लेकिन अब खुद उनके अपनी साढ़ू ही भ्रष्टाचार के मामले में घिर गए हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सुरेंद्र कुमार बंसल के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। रोड एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन नाम के एनजीओ ने बंसल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच अधिकारी ने एनजीओ को मामले से जुड़े दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है।
एनजीओ ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने अपने साढ़ू सुरेंदर कुमार बंसल को 2014 से 2016 के बीच कई निर्माण कार्यों का सरकारी काम दिया जिनमें कई डमी कंपनी बनाकर करोड़ों का काम दिखाया गया और फिर कागजों पर ही काम दिखलाकर पैसे हड़प लिए गए। एनजीओ के संस्थापक राहुल शर्मा और एनजीओ से जुड़े विप्लव अवस्थी का कहना है कि केजरीवाल ने यह सब अपने रिश्तेदार को फायदा दिलाने के लिए किया। उनका कहना है कि हमारी ओर से 150 से ज्यादा आरटीआई डाली गईं लेकिन संबंधित विभागों से कोई जानकारी नहीं दी गई।
केजरीवाल के साढ़ू ने रेणू कंस्ट्रक्शन के नाम से कंपनी बनाई और फिर महादेव इम्पेक्स से सामान खरीदा हुआ दिखाया जबकि महादेव इम्पेक्स ने सेल टैक्स विभाग को दी जानकारी में दिखाया है कि कंपनी ने न तो कोई कारोबार किया, न ही किसी से माल लिया और न ही किसी को आगे माल बेचा है। यानी नाले बनाने से लेकर कंस्ट्रक्शन तक का काम सिर्फ कागजों पर हुआ और पैसा सरकार के फंड से दिया गया। एनजीओ का कहना है कि उनके पास करीब 8 करोड़ के घोटाले हैं जो सुरेंदर कुमार बंसल के कंपनी के नाम हैं। उन्होंने कहा कि कुमार के खिलाफ ACB को भी मामले से जुड़ी शिकायत सौंप दी है।
एनजीओ ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने अपने साढ़ू सुरेंदर कुमार बंसल को 2014 से 2016 के बीच कई निर्माण कार्यों का सरकारी काम दिया जिनमें कई डमी कंपनी बनाकर करोड़ों का काम दिखाया गया और फिर कागजों पर ही काम दिखलाकर पैसे हड़प लिए गए। एनजीओ के संस्थापक राहुल शर्मा और एनजीओ से जुड़े विप्लव अवस्थी का कहना है कि केजरीवाल ने यह सब अपने रिश्तेदार को फायदा दिलाने के लिए किया। उनका कहना है कि हमारी ओर से 150 से ज्यादा आरटीआई डाली गईं लेकिन संबंधित विभागों से कोई जानकारी नहीं दी गई।
केजरीवाल के साढ़ू ने रेणू कंस्ट्रक्शन के नाम से कंपनी बनाई और फिर महादेव इम्पेक्स से सामान खरीदा हुआ दिखाया जबकि महादेव इम्पेक्स ने सेल टैक्स विभाग को दी जानकारी में दिखाया है कि कंपनी ने न तो कोई कारोबार किया, न ही किसी से माल लिया और न ही किसी को आगे माल बेचा है। यानी नाले बनाने से लेकर कंस्ट्रक्शन तक का काम सिर्फ कागजों पर हुआ और पैसा सरकार के फंड से दिया गया। एनजीओ का कहना है कि उनके पास करीब 8 करोड़ के घोटाले हैं जो सुरेंदर कुमार बंसल के कंपनी के नाम हैं। उन्होंने कहा कि कुमार के खिलाफ ACB को भी मामले से जुड़ी शिकायत सौंप दी है।
Post A Comment:
0 comments: