नई दिल्ली 6 दिसंबर: हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली की एक्सिस बैंक के दो मैनेजर अब सच उगलने लगे हैं । प्रवर्तन निदेशालय इनसे कड़ी पूंछतांछ कर रहा है । ताजा जानकारी के मुताबिक़ इन दो बैंक मैनेजरों ने अब जो राज उगला है उसके मुताबिक़ इन दोनों ने हवाला कारोबारियों से मिलकर कालाधन सफ़ेद करने के लिए कई दिहाड़ी मजदूरों को कंपनी का निदेशक बना दिया । ईडी ने जब इन मजदूरों से संपर्क किया तो मजदूरों ने बताया कि वो किसी भी कंपनी के निदेशक नहीं हैं ।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आया है कि मुखौटा कंपनियों के नाम से तीन बैंक खाते खोले गए। इन खातों में दो-तीन के भीतर 39.80 करोड़ रुपये जमा करा दिए गए। मोहित ने इन खातों की मदद से सोने का आयात-निर्यात करने वाले बड़े व्यापारियों से बात की। उसने आरटीजीएस से 30 से 32 लाख रुपये प्रति किलो के हिसाब से कानूनी तौर पर सोना खरीद लिया। इसके बाद उस सोने की डिलीवरी लेकर राजीव के कहने पर मोहित ने उन व्यापारियों को 45 लाख रुपये प्रति किलो के हिसाब से वह सोना बेच दिया। पूंछतांछ जारी है कई और खुलासे संभव हैं ।
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