New Delhi 25 November 2016: शादियों का सीजन चल रहा है लेकिन विपक्ष की मानें तो नोटबंदी के कारण वो लोग मर रहे हैं जिनके घरों में शादियां हैं । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तो सबसे ज्यादा परेशान हैं लगता है अब शादियों में उन्हें जायकेदार भोजन नहीं मिल रहा है या तो वो सिर्फ राजनीति कर रहे हैं । केजरीवाल शायद आज सुबह जल्दी सोकर उठ गए हैं और उन्होंने एक दो ट्वीट सुबह सुबह ठोंक दिया है, कई लोगों की पोस्टों को उन्होंने रिट्वीट भी किया है सारे ट्वीट नोटबंदी को लेकर हैं जिससे जाहिर होता है कि नोटबंदी से जितनी जनता परेशान है उससे कहीं ज्यादा केजरीवाल परेशान हैं ।
शादियों की बात करें तो बहुत कम ऐसी शादियां हो रहीं हैं जहां की व्यवस्थाएं अधूरी हों । पहले जैसे डीजे बज रहे हैं, पहले जैसी ही रौनकें हैं, पहले जैसा ही हर माहौल है । हमारे देश में एक रिवाज है कि शादियों के समय दूल्हों के परिजन खुशी में नोट वगैरा उड़ाते हैं जिसे बैंडबाजे वाले उठाते हैं वो रिवाज भी जारी है, हवा में नोट भी उड़ाए जा रहे हैं, कहीं भी नोटबंदी का ज्यादा प्रभाव नहीं देखा जा रहा है । देश बहुत बड़ा है सम्भव हैं कुछ परेशानियां हो रहीं हों लेकिन उतनी परेशानियां नहीं हो रहीं हैं जितनी केजरीवाल या अन्य विपक्षी दल बता रहे हैं । देखें एक वीडियो कल का है जहाँ काफी देर तक हवा में सौ पचास के नोट उड़ाए गए । भारतीय संस्कृति में खुशी के मौकों पर ऐसा किया जाता है इसलिए नोट उड़ाने वाले ये न समझें कि खबर उनके खिलाफ लिखी गई है ।
शादियों की बात करें तो बहुत कम ऐसी शादियां हो रहीं हैं जहां की व्यवस्थाएं अधूरी हों । पहले जैसे डीजे बज रहे हैं, पहले जैसी ही रौनकें हैं, पहले जैसा ही हर माहौल है । हमारे देश में एक रिवाज है कि शादियों के समय दूल्हों के परिजन खुशी में नोट वगैरा उड़ाते हैं जिसे बैंडबाजे वाले उठाते हैं वो रिवाज भी जारी है, हवा में नोट भी उड़ाए जा रहे हैं, कहीं भी नोटबंदी का ज्यादा प्रभाव नहीं देखा जा रहा है । देश बहुत बड़ा है सम्भव हैं कुछ परेशानियां हो रहीं हों लेकिन उतनी परेशानियां नहीं हो रहीं हैं जितनी केजरीवाल या अन्य विपक्षी दल बता रहे हैं । देखें एक वीडियो कल का है जहाँ काफी देर तक हवा में सौ पचास के नोट उड़ाए गए । भारतीय संस्कृति में खुशी के मौकों पर ऐसा किया जाता है इसलिए नोट उड़ाने वाले ये न समझें कि खबर उनके खिलाफ लिखी गई है ।
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